श्री सिद्ध नरसिंह मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 60 लाख रुपये की पहली किश्त जारी
टनकपुर/चम्पावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ‘आदर्श चम्पावत’ की परिकल्पना के क्रम में चम्पावत जनपद को लगातार विकास की सौगातें

श्री सिद्ध नरसिंह मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 60 लाख रुपये की पहली किश्त जारी
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टनकपुर/चम्पावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चम्पावत जनपद के लिए की गई 'आदर्श चम्पावत' की योजना के अंतर्गत अब चम्पावत में लगातार विकास के नए अवसर मिल रहे हैं। हाल ही में, मुख्यमंत्री ने 60 लाख रुपये की पहली किश्त को स्वीकृत किया है, जो खेतीखान के सुविख्यात श्री नरसिंह मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए होगी। इस सौंदर्यीकरण का कुल बजट 100 लाख रुपये निर्धारित किया गया है।
धार्मिक महत्व के साथ सौंदर्य में वृद्धि
श्री सिद्ध नरसिंह मंदिर, जो अपने धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, अब अपनी भव्यता को और बढ़ाने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री का यह निर्णय न केवल मंदिर के स्वरूप में बदलाव लाएगा, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। चम्पावत क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को विकसित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
वित्तीय सहायिकी की जानकारी
इस परियोजना के अंतर्गत, अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि कुल 100 लाख रुपये में से 60 लाख रुपये की पहली किश्त तुरंत जारी की गई है। ये वित्तीय सहायता मंदिर के आसपास की सफाई, सजावट, और धार्मिक आयोजनों की सुविधाओं को अतिरिक्त रूप देने के लिए उपयोग की जाएगी। इस प्रकार की योजना से मंदिर का स्वरूप और आकर्षण बढ़ेगा।
चम्पावत क्षेत्र का सामरिक विकास
यह पहल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की 'आदर्श चम्पावत' योजना का हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाना है। इसके अंतर्गत सड़क, अस्पताल, और बुनियादी ढांचे में सुधार की अनेक योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, जो चम्पावत के विकास को नई दिशा देगी।
स्थानीय समुदाय पर प्रभाव
स्थानीय निवासियों ने मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है। उनके अनुसार, इस परियोजना से न केवल धार्मिक मान्यताओं को सशक्त किया जाएगा, बल्कि इससे रोजगार के नए मार्ग भी प्रशस्त होंगे। चम्पावत का पर्यटन उद्योग स्थानीय अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत कर सकता है।
समापन विचार
श्री सिद्ध नरसिंह मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए उठाए गए कदम केवल धार्मिक पर्यटन को ही नहीं, बल्कि चम्पावत की सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करेंगे। इस दिशा में उठाया गया यह कदम निश्चित रूप से विकास की नई ऊँचाइयों की ओर ले जाएगा। स्थानीय जनसंख्या तथा श्रद्धालुओं के लिए यह एक सकारात्मक परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है।
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निष्कर्षतः, यह पहल न केवल धार्मिक स्थल के सौंदर्यीकरण को दर्शाती है, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी विकास का प्रतीक है।
सादर,
टीम PWC न्यूज़, प्रिया शर्मा
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