संभल में 46 साल बाद खुले शिव मंदिर में दूसरे दिन भी गूंजे आरती के स्वर, जलाभिषेक करने पहुंच रहे भक्त
संभल में मिले शिव मंदिर की प्राचीनता का पता लगाने के लिए DM ने ASI को चिट्ठी लिखी है जिसमें मंदिर और कुएं की कार्बन डेटिंग करने का जिक्र है। इससे शिवलिंग और मूर्तियों के सही समय की जानकारी निकलकर सामने आएगी। तो वहीं, 46 साल पहले मंदिर को अतिक्रमण का शिकार बनाने वालों की भी पहचान की जा रही है।
प्रस्तावना
संभल जिले के ऐतिहासिक शिव मंदिर के दरवाजे 46 वर्षों के बाद पुनः भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। इस अद्भुत अवसर पर भक्तों की बड़ी संख्या जलाभिषेक और आरती में सम्मिलित होने पहुंच रहे हैं। मंदिर में दो दिनों से लगातार आरती के स्वर गूंज रहे हैं, जिससे religiosity का वातावरण और भी पवित्र हो गया है।
भक्तों की भीड़
जो भक्त लंबे समय से इस अद्भुत मंदिर के दर्शन का इंतजार कर रहे थे, उन्होंने इस अवसर का पूर्ण लाभ उठाने के लिए भारी संख्या में मंदिर में पहुँचना शुरू कर दिया है। जलाभिषेक करने का यह मौका सभी के लिए विशेष है, और भक्त अपने साथ पूजा सामग्री और जल लेकर आ रहे हैं।
आरती का महत्व
आरती का आयोजन दिन में कई बार किया जा रहा है, जिस दौरान भक्त भगवान शिव की भक्ति में लीन हो जाते हैं। आरती से भक्तों को मन की शांति और आत्मिक संतोष प्राप्त होता है। मंदिर में भक्तों की असीम श्रद्धा और भक्ति वातावरण को और भी पवित्र बना देती है।
कुल मिलाकर
संभल के इस शिव मंदिर का पुनः खुलना स्थानीय लोगों के लिए एक विशेष घटना है। यह केवल एक ऐतिहासिक मामला नहीं है, बल्कि यह भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का प्रतीक भी है। श्रोताओं से अपील की जाती है कि वे अपना जलाभिषेक अवश्य करें और इस अवसर का आनंद उठाएँ। Keywords: संभल शिव मंदिर, जलाभिषेक, आरती शिव मंदिर, भक्तों की भीड़, मंदिर में पूजा, 46 साल बाद, धार्मिक आस्था, पवित्रता, आस्था का प्रतीक For more updates, visit AVPGANGA.com.
What's Your Reaction?