इस देश में इंटरनेट चलाना किसी जुर्म से कम नहीं, सरकार को देना पड़ता है हर घंटे का स्क्रीनशॉट - दोपहर समाचार PWCNews
टेक्नोलॉजी के दौर में इंटरनेट और स्मार्टफोन बेहद जरूरी बन चुके हैं। इनके बिना कुछ घंटे बिताना भी मुश्किल हो गया है। भारत में तो बिना किसी प्रतिबंध के इंटरनेट इस्तेमाल किया जाता है लेकिन, एक देश ऐसा है जहां पर बाहरी इंटरनेट का इस्तेमाल करना किसी जुर्म से कम नहीं है।
इस देश में इंटरनेट चलाना किसी जुर्म से कम नहीं
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शुरुआत में क्या हुआ?
हाल ही में एक देश ने इंटरनेट उपयोग पर कड़ी पाबंदियाँ लागू की हैं। यहाँ इंटरनेट चलाना अब किसी जुर्म से कम नहीं माना जा रहा है। इस नए कानून के तहत, नागरिकों को अपनी ऑनलाइन गतिविधियों का हर घंटे का स्क्रीनशॉट सरकार को देना पड़ता है। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल वातावरण को नियंत्रित करना और संभावित अपराधों से निपटना बताया जा रहा है।
सरकार की नीति का उद्देश्य
इस नीति का मुख्य उद्देश्य यह है कि सरकार अपने नागरिकों पर नज़र रख सके और इंटरनेट का आवश्यक नियंत्रण बना सके। हालांकि, इससे लोगों के व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर प्रश्न उठने लगे हैं। बहुत से लोग इसे डराने वाली तकनीक के रूप में देख रहे हैं, जबकि सरकार इसे अपनी नागरिकों की सुरक्षा के रूप में पेश कर रही है।
लोगों की प्रतिक्रिया
जनता का इस पर मिश्रित प्रतिक्रिया आ रहा है। कुछ लोग इसे सुरक्षा का एक साधन मानते हैं, जबकि अन्य इसे अत्यधिक दखलंदाजी के रूप में देख रहे हैं। कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रदर्शनों की आवाज उठ रही है, जहाँ नागरिक अपने अधिकारों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
विदेशी दृष्टिकोण
इस तरह की नीतियों के लागू होने से अन्य देशों में भी चिंता बढ़ गई है। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इस नई नीति की कड़ी निंदा की है और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन माना है।
निष्कर्ष
इस देश में इंटरनेट चलाना अब एक संवेदनशील मुद्दा बनता जा रहा है। सरकार की इस नई नीति के प्रभाव और उसके पीछे की मंशा का अध्ययन आवश्यक है ताकि सार्वजनिक दृष्टिकोण को समझा जा सके। क्या यह कानून सच में लोगों की सुरक्षा का साधन है, या यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है? यह प्रश्न अधर में है।
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