‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वक्त हिंदी खबरों की दर्शक संख्या का नया रिकॉर्ड, 2016 के ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को भी छोड़ा पीछे
'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ी खबरें टीवी पर जमकर देखी गईं। इसको लेकर आंकड़े सामने आए हैं। हिंदी भाषी टीवी समाचार बाजारों में भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वक्त हिंदी खबरों की दर्शक संख्या का नया रिकॉर्ड, 2016 के ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को भी छोड़ा पीछे
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नई दिल्ली: भारतीय सेना के द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी को लेकर हिंदी समाचार चैनलों पर दर्शक संख्या ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इस बार दर्शक संख्या ने 2016 में हुए ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के आंकड़ों को भी पीछे छोड़ दिया है। यह आंकड़े न केवल टीवी चैनलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखे जा रहे हैं, बल्कि यह इस बात का भी संकेत हैं कि दर्शकों में आंतरिक सुरक्षा और सामरिक मुद्दों के प्रति गहरी रुचि है।
ऑपरेशन सिंदूर की महत्वपूर्ण जानकारी
'ऑपरेशन सिंदूर' भारतीय सेना द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस ऑपरेशन के दौरान सेना ने लक्षित ठिकानों पर कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप आतंकवादी संगठन काफी कमजोर हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ऑपरेशन से जुड़ी खबरें न केवल देशभर में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियाँ बटोर रही हैं।
दर्शक संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
पिछले हफ्ते के दौरान, जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की न्यूज़ टेलीकास्ट की गई, तब हिंदी समाचार चैनलों पर दर्शक संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखि गई। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि पिछले सप्ताह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कवरेज ने दर्शकों की संख्या में 30% की वृद्धि की। इसके विपरीत, 2016 के ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के समय दर्शक संख्या में केवल 20% की वृद्धि देखी गई थी। यह स्पष्ट करता है कि दर्शकों ने इस ऑपरेशन को लेकर अधिक रुचि दिखाई।
मीडिया की भूमिका
हिंदी समाचार चैनलों ने इस दौरान दृश्यता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेषज्ञों का कहना है कि लगभग सभी प्रमुख समाचार चैनलों ने इस ऑपरेशन की कवरेज को काफी प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। इसने न केवल दर्शकों को जानकारी प्रदान की, बल्कि उनके मन में सेना के प्रति एक सकारात्मक छवि भी बनाई। चैनलों ने रीयल-टाइम अपडेट्स, विशेषज्ञों के बयान, और दर्शकों की प्रतिक्रियाएँ भी साझा कीं।
संक्षेप में
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हिंदी खबरों की दर्शक संख्या ने न केवल नए रिकॉर्ड बनाए, बल्कि इसने भारतीय पत्रकारिता की शक्ति को भी उजागर किया। ऐसा लगता है कि दर्शकों की रुचियाँ अब केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रह गई हैं, बल्कि वे सामरिक मुद्दों और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर गहराई से विचार करने लगे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में सूचना के वितरण के तरीकों में किस तरह के बदलाव आते हैं।
टीम pwcnews
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