भारतीय रेलवे में ट्रेन कंबल की सच्चाई: धुलने में कितने दिन लगते? अधिकारी ने खोली पोल PWCNews
उत्तर रेलवे के अधिकारी ने बताया कि राजधानी ट्रेन में इस्तेमाल किए जाने वाले कंबल हर 15 दिन में धोए जा रहे हैं। 2010 से पहले तीन महीने में एक बार कंबल धोया जाता था। अब इस अंतराल को कम किया गया है।
भारतीय रेलवे में ट्रेन कंबल की सच्चाई
ट्रेन कंबल की धुलाई का रहस्य
भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं में ठीक से धुला हुआ कंबल एक महत्वपूर्ण पहलू है। हाल के खुलासों ने ट्रेन कंबल की सफाई प्रक्रिया को लेकर कुछ नई जानकारी प्रदान की है। अक्सर यात्रियों को यह चिंता रहती है कि कंबल कितनी बार धोया जाता है और इसके पीछे का वास्तविक समय क्या है। एक रेलवे अधिकारी ने इस प्रक्रिया की असलियत को उजागर किया है, जिससे यात्रियों में जागरूकता बढ़ेगी।
कितने दिन लगते हैं कंबल धुलने में?
अधिकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे में कंबल को धुलने में औसतन 7 से 10 दिन का समय लगता है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि कंबल स्वच्छ और सुरक्षित रहें। हालांकि, कुछ ट्रेनें अगर नियमित रूप से यात्रा करती हैं, तो उनकी कंबल धुलाई का समय भी कम हो सकता है।
स्वच्छता तथा यात्रियों की सुरक्षा
स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य रेलवे के लिए उच्च प्राथमिकता है। रेलवे प्रशासन ने कंबल को धोने के लिए मानक प्रक्रियाएं निर्धारित की हैं ताकि यात्रियों का स्वास्थ्य सुरक्षित रखा जा सके। इस बात की पुष्टि भी की गई है कि धुलाई के बाद कंबल में सही तरीके से फैब्रिक कंडीशनिंग की जाती है।
निष्कर्ष
यात्रियों को यह समझना आवश्यक है कि भारतीय रेलवे कंबल की सफाई के लिए प्रतिबद्ध है। अधिकारियों के खुलासे से यह स्पष्ट होता है कि कंबल को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए नियमित रूप से साफ किया जाता है। इसलिए अगली बार जब आप ट्रेन में यात्रा करें, तो यह जानकर भेदभाव न करें कि कंबल को टाइमली साफ किया जाता है।
News by PWCNews.com
कीवर्ड
भारतीय रेलवे कंबल धुलाई, ट्रेन कंबल की सफाई, कंबल धुलने का समय, रेलवे सफाई प्रक्रियाएं, यात्रियों के लिए कंबल, भारतीय रेलवे रिपोर्ट, कंबल सफाई की सच्चाई, स्वच्छता और रेलवे, भारतीय रेलवे की सुविधाएं, रेलवे अधिकारी बयान
What's Your Reaction?