क्या पितृ पक्ष में कार और प्रॉपर्टी की बुकिंग शुभ है? जानें सही राय
हर साल पितृ पक्ष (Shraddh Paksha) शुरू होते ही लोगों के मन में सवाल उठता है – क्या इस समय कार (Car Booking) या नया घर (Property Booking) लेना अशुभ है? शास्त्रों में पितृ पक्ष को पितरों की तृप्ति का काल बताया गया है। मनुस्मृति और गरुड़ पुराण में लिखा है कि इन 16 दिनों […] The post पितृ पक्ष में कार और प्रॉपर्टी की बुकिंग शुभ है या अशुभ? जानें राय appeared first on Khabar Sansar News.

क्या पितृ पक्ष में कार और प्रॉपर्टी की बुकिंग शुभ है? जानें सही राय
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कम शब्दों में कहें तो, पितृ पक्ष के दौरान कार या प्रॉपर्टी की बुकिंग को लेकर लोगों में कई भ्रांतियाँ हैं। शास्त्रों के अनुसार, यह समय पितरों की तृप्ति का है, और इस दौरान नए मांगलिक कार्यों को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। आइए जानते हैं कि इस वक्त बुकिंग करना शुभ है या अशुभ।
हर साल पितृ पक्ष (Shraddh Paksha) के आगमन पर लोगों के मन में यह सवाल उठता है – क्या इस समय कार (Car Booking) या नया घर (Property Booking) लेना अशुभ है? शास्त्रों में पितृ पक्ष को पितरों की तृप्ति का काल बताया गया है। मनुस्मृति और गरुड़ पुराण में स्पष्ट लिखा है कि इन 16 दिनों में विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञ जैसे नए मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।
बुकिंग पर क्या कहते हैं शास्त्र?
धर्मसिंधु और निर्णयसिंधु जैसे प्राचीन ग्रंथ यह स्पष्ट करते हैं कि नए कार्यों को पितृ पक्ष के इस अवधि में वर्जित किया गया है। लेकिन केवल बुकिंग, टोकन राशि या एडवांस पेमेंट को प्रत्यक्ष रूप से निषिद्ध नहीं कहा गया है। इसका कारण यह है कि स्वामित्व और वास्तविक उपयोग पितृ पक्ष के बाद ही होता है। ज्योतिषाचारियों का संपादकीय मानना है कि यदि बुकिंग करनी हो, तो डिलीवरी या रजिस्ट्री सर्वपितृ अमावस्या के बाद ही की जानी चाहिए।
आधुनिक दृष्टिकोण – कंपनियों की रणनीति
ऑटो सेक्टर और रियल एस्टेट कंपनियों ने इस दौरान विशेष ऑफर लॉन्च किए होते हैं ताकि लोग इस समय बुकिंग करा सकें और फिर डिलीवरी नवरात्रि, दशहरा या दिवाली पर हो सके। इस तरह से न केवल धार्मिक मान्यता बनी रहती है, बल्कि खरीदारों को व्यावहारिक लाभ भी मिलता है। इसलिए करोड़ों लोग पितृ पक्ष में अपनी बुकिंग करते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण है कि गृह प्रवेश या वाहन ग्रहण शुभ मुहूर्त में ही किया जाए।
शास्त्रीय उपाय
यदि पितृ पक्ष में बुकिंग करनी ही हो, तो तर्पण और पितरों का स्मरण करना न भूलें। बुकिंग राशि देते समय एक रुपया दान और जल अर्पण करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही, अंतिम डिलीवरी या गृह प्रवेश के लिए सर्वपितृ अमावस्या के बाद का समय अधिक उपयुक्त है। विदित हो कि शास्त्र और आधुनिक जीवन दोनों का संतुलन यही कहता है – पितृ पक्ष में बुकिंग करना वर्जित नहीं है, लेकिन स्वामित्व ग्रहण (डिलीवरी, रजिस्ट्री, गृह प्रवेश) पितृ पक्ष के बाद ही करना शुभ है। नवरात्रि से लेकर दिवाली तक का समय इन कार्यों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
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हमारी सलाह यही है कि पूजा-पाठ और पित्रों की तृप्ति के इन 16 दिनों में सावधानी बरतें, और अपने अन्य कार्यों को शुभ मुहूर्त में संपन्न करें।
संदेश को समाप्त करते हुए कहना है कि पितृ पक्ष में बुकिंग करना अशुभ नहीं, लेकिन उसकी क्रियान्वयन की प्रक्रिया के लिए उचित समय का ध्यान अवश्य रखें।
Team PWC News
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