थोक महंगाई 3 महीने के निचले स्तर पर आई, नवंबर में घटकर 1.89% रही, खाने-पीने के सामान सस्ते हुए
सब्जियों की महंगाई गिरावट के साथ 28.57 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर में यह 63.04 प्रतिशत थी। हालांकि, आलू की महंगाई 82.79 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही, जबकि प्याज की महंगाई नवंबर में तीव्र गिरावट के साथ 2.85 प्रतिशत पर आ गई।
थोक महंगाई तीन महीने के निचले स्तर पर आई
हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में थोक महंगाई दर नवंबर 2023 में घटकर 1.89% पर पहुंच गई है। यह पिछले तीन महीनों में दर्ज की गई सबसे कम दर है, जो खासकर खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट को दर्शाती है। यह खबर उपभोक्ताओं के लिए राहत की नई किरण लेकर आई है, क्योंकि खाने-पीने के सामान सस्ते हुए हैं।
महंगाई दर में कमी का कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि थोक महंगाई में यह कमी कई कारकों के कारण संभव हुई है। पहले, वैश्विक बाजार में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति में सुधार हुआ है। दूसरे, भारत में कृषि उत्पादन में वृद्धि भी इस गिरावट का प्रमुख कारण बनी है। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर मांग में कमी ने भी महंगाई दर को नियंत्रित करने में मदद की है।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण, उपभोक्ताओं के लिए दैनिक जीवन की लागत में कमी आने का अनुमान है। यह गिरावट विशेषकर सब्जियों, फलों, और अनाज की कीमतों में देखी गई है। इससे न केवल घरेलू बजट में सुधार होगा, बल्कि इसके महंगाई पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ने की उम्मीद है।
भविष्य की दृष्टि
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह रुझान जारी रहता है, तो आने वाले महीनों में भी महंगाई की दर में और कमी देखी जा सकती है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर किसी भी अप्रत्याशित घटनाओं का महंगाई पर प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में, सरकार और नीति निर्धारकों को प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
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News by PWCNews.com
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