देहरादून में नागर विमानन सम्मेलन-2025: मुख्यमंत्री की पृथक विमानन नीति की मांग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की पर्वतीय राज्यों के लिए पृथक विमानन नीति की मांग देहरादून में आयोजित नागर विमानन सम्मेलन-2025 में मुख्यमंत्री ने किया प्रतिभाग। संवादाता : विनय उनियाल, देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून स्थित होटल में आयोजित नागर विमानन सम्मेलन-2025 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर केंद्रीय नागर […] The post देहरादून में आयोजित नागर विमानन सम्मेलन-2025 में मुख्यमंत्री ने किया प्रतिभाग appeared first on Uttarakhand News Update.

Jul 5, 2025 - 00:53
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देहरादून में नागर विमानन सम्मेलन-2025: मुख्यमंत्री की पृथक विमानन नीति की मांग

देहरादून में नागर विमानन सम्मेलन-2025: मुख्यमंत्री की पृथक विमानन नीति की मांग

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संवाददाता: विनय उनियाल, देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून स्थित एक होटल में आयोजित नागर विमानन सम्मेलन-2025 में भाग लिया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देश के नागर विमानन क्षेत्र में हुई प्रगति को प्रदर्शित करना और पर्वतीय राज्यों की विशिष्ट चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक पृथक विमानन नीति स्थापित करना था।

उड़ान योजना का महत्वपूर्ण प्रभाव

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में देश में नागर विमानन के क्षेत्र में आए ऐतिहासिक बदलावों का प्रमाण दर्शाता है। उन्होंने उड़ान योजना की सराहना की, जो छोटे शहरों और दुर्गम क्षेत्रों को हवाई संपर्क से जोड़कर आम नागरिकों के लिए हवाई यात्रा को सुविधाजनक बनाती है, साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी समर्थन प्रदान करती है।

उत्तराखंड में हेलीपोर्ट्स का विकास: एक नई दिशा

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड में 18 हेलीपोर्ट्स का विकास कार्य चल रहा है, जिनमें से 12 पर सेवाएँ प्रारंभ हो चुकी हैं। हेलीकॉप्टर सेवाएँ केवल परिवहन का साधन नहीं हैं, बल्कि यह उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में जीवन रेखा के रूप में कार्य कर रही हैं। चाहे वह आपदा प्रबंधन हो, स्वास्थ्य सेवाएँ हों या तीर्थयात्रा, हेलीकॉप्टर सेवाओं ने अद्वितीय सुविधाएँ प्रदान की हैं।

पृथक पर्वतीय विमानन नीति की आवश्यकता

मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय से अपील की कि पर्वतीय राज्यों के लिए एक पृथक "पर्वतीय विमानन नीति" बनाई जाए। इस नीति में विशेष वित्तीय सहायता, संचालन हेतु सब्सिडी, हवाई ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) नेटवर्क, सटीक मौसम पूर्वानुमान, और आपदा-पूर्व तैयारी जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएँ शामिल की जानी चाहिए।

विशेष पायलट प्रशिक्षण का महत्व

उन्होंने सभी विमान ऑपरेटरों से अनुरोध किया कि वे पर्वतीय उड़ानों के लिए विशेष पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रम सुनिश्चित करें तथा सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करें। यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ की स्थिति अक्सर चुनौतीपूर्ण होती है।

सम्मेलन में उपस्थित अन्य प्रमुख लोग

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के कैबिनेट मंत्री गौतम कुमार, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन सहित अन्य राज्य अधिकारियों की उपस्थिति रही। इस सम्मेलन की सफलता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र और राज्य सरकारें नागर विमानन के क्षेत्र में एक नए युग की ओर बढ़ रही हैं।

निष्कर्ष: एक नई दिशा की ओर

देहरादून में आयोजित नागर विमानन सम्मेलन-2025 ने न केवल नवीनतम अवसंरचना विकास के लिए एक मंच प्रदान किया है, बल्कि पर्वतीय राज्यों की विशिष्ट आवश्यकताओं की भी पहचान की है। मुख्यमंत्री धामी की पहल यह दर्शाती है कि उत्तराखंड में हवाई यात्रा सुधारने और सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।

कम शब्दों में कहें तो, यह सम्मेलन पर्वतीय क्षेत्रों के विकास की नई संभावनाओं को दर्शाता है।

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सादर,

टीम PWC News - रीमा शुक्ला

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