महाराष्ट्र में १०० साल से ऊपर उम्र के वोटर्स! ऐसे है आंकड़े! चौंकिये! PWCNews
महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक सूबे में 18-19 आयुवर्ग के मतदाताओं की संख्या 22,22,704 है जिनमें 5,00,22,739 पुरुष, 4,69,96,279 महिलाएं और 6,101 तृतीय लिंग के मतदाता हैं।
महाराष्ट्र में १०० साल से ऊपर उम्र के वोटर्स: ऐसे है आंकड़े! चौंकिये!
महाराष्ट्र राज्य में १०० साल से अधिक उम्र के वोटर्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। चुनावी समय में यह आंकड़ा समाज के प्रति एक नई दृष्टि पेश करता है, जो कि वृद्धों की भूमिका और उनकी भागीदारी को उजागर करता है। News by PWCNews.com
वोटर्स की बढती संख्या
आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में १०० साल से ऊपर के वोटर्स की संख्या लगभग १,२३० पहुंच गई है। यह संख्या पिछले चुनाव की तुलना में २५% अधिक है। इसका सीधा संबंध समाज में वृद्धों के प्रति बढ़ती जागरूकता और उनकी संबंधी चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी से है। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि वृद्ध मतदाता भी अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं और आगे आकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
वृद्ध वोटर्स की महत्वता
वरिष्ठ नागरिकों की यह भागीदारी न केवल लोकतंत्र को मजबूत बनाती है, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी एक नया दृष्टिकोण विकसित करती है। वृद्ध मतदाता अपने अनुभव और ज्ञान के साथ मतदान प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, उनकी समस्याएं और मुद्दे चुनावी एजेंडे का हिस्सा बनते हैं।
आंकड़ों में कुछ दिलचस्प तथ्य
वर्ष २०२३ में हुए चुनावों में, १०० साल से ऊपर के वोटर्स की गतिविधि का एक महत्वपूर्ण पहलू उनके मतदान पैटर्न को समझना है। इनमें से कई वोटर्स ने स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ राष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपने मत दिए। यह दर्शाता है कि उम्र के बावजूद, वृद्ध मतदाता तकनीकी और सामाजिक बदलावों के प्रति सजग रहते हैं।
समाज के लिए संदेश
इन आंकड़ों को देखकर यह स्पष्ट होता है कि हम सभी को मतदान की प्रक्रिया में वृद्ध सदस्यों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करना चाहिए। यह न केवल उनके अधिकारों को मान्यता देता है, बल्कि हमारे समाज में एकता और विकास की दिशा में एक कदम आगे बढ़ता है।
अंत में, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि सभी उम्र के नागरिकों को एक समान मतदान का अवसर मिले। वृद्ध मतदाताओं को प्रोत्साहित करना और उनकी समस्याओं का समाधान खोजना हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में १०० साल से ऊपर के वोटर्स की बढ़ती संख्या एक सकारात्मक संकेत है और यह दर्शाता है कि हमारा लोकतंत्र निरंतर मजबूती की ओर अग्रसर है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए समाज को चाहिए कि हम सभी उम्र के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करें।
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