लोहाघाट में आध्यात्मिक गुरु स्वामी प्रेम सुगंध जी महाराज का भव्य स्वागत समारोह

लोहाघाट/चम्पावत। आध्यात्मिक गुरु स्वामी प्रेम सुगंध जी महाराज का ऋषेश्वर महादेव मंदिर लोहाघाट पहुंचने पर फूल मालाओं से भव्य स्वागत

Oct 6, 2025 - 09:53
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लोहाघाट में आध्यात्मिक गुरु स्वामी प्रेम सुगंध जी महाराज का भव्य स्वागत समारोह

लोहाघाट में आध्यात्मिक गुरु स्वामी प्रेम सुगंध जी महाराज का भव्य स्वागत

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कम शब्दों में कहें तो, लोहाघाट में आध्यात्मिक गुरु स्वामी प्रेम सुगंध जी महाराज का भव्य स्वागत उनकी आकांक्षाओं और भक्ति के प्रतीक के रूप में किया गया। यह स्वागत समारोह रविवार को ऋषेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित किया गया, जहाँ श्रद्धालुओं ने फूलों की मालाओं से उनकी आरती उतारी।

स्वामी प्रेम सुगंध जी महाराज का स्वागत

लोहाघाट/चम्पावत। आध्यात्मिक गुरु स्वामी प्रेम सुगंध जी महाराज का ऋषेश्वर महादेव मंदिर लोहाघाट पहुंचने पर फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। यह आयोजन विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह स्वामी जी का लंबे समय बाद ध्यान से लौटने के बाद का पहला कार्यक्रम था। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने स्वामी जी का दिल से स्वागत किया और उनके प्रति अपनी श्रद्धा जाहिर की।

समारोह का महत्व

स्वामी प्रेम सुगंध जी महाराज का आश्रम खरही होते हुए लोहाघाट पहुंचना, क्षेत्र के लोगों के लिए एक उत्सव का मौका बन गया। स्वामी जी का संदेश सदैव प्रेम, स्नेह और मानवता के लिए होता है, जो आज भी लोगों की जिन्दगी में एक नए प्रकाश का संचार करता है। कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं ने स्वामी जी के आशीर्वाद के साथ अपने जीवन में सुख-शांति की कामना की।

लोगों की प्रतिक्रिया

स्वामी जी के स्वागत समारोह में उपस्थित लोगों ने उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। एक स्थानीय भक्त ने कहा, "स्वामी जी हमारे बीच हैं तो हम सबका जीवन धन्य है। उनकी उपस्थिति से हम सभी को प्रेरणा मिलती है।" ऐसे कई भक्तों ने स्वामी जी के कार्यों और विचारों को सराहा और उनकी दीक्षा लेने की इच्छा प्रकट की।

कुल मिलाकर

स्वामी प्रेम सुगंध जी महाराज का स्वागत समारोह एक अद्भुत दृष्य प्रस्तुत करता है, जहाँ श्रृद्धा और भक्ति का मिलाप होता है। यह समारोह न केवल स्थानीय जनता के लिए बल्कि उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा बना जिन्होंने स्वामी जी के विचारों को अपने जीवन में उतारा है। ऐसे आयोजनों से धर्म और अध्यात्म की महत्ता को भी उजागर किया जाता है।

अंत में, हम यही कह सकते हैं कि स्वामी जी की उपस्थिति ने लोहाघाट के वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया है। उनके विचारों और शिक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए अब हमें उनका अनुसरण करना चाहिए।

इस समर्पित लेखन के साथ, हम आपसे निवेदन करते हैं कि हमारे साथ जुड़े रहें। अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, कृपया PWC News पर जाएं।

सादर,
टीम PWC News
(अनुजा शर्मा)

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