फेस्टिव सीजन में 42,88,248 गाड़ियां बिकीं, 33,11,325 टू-व्हीलर्स शामिल; गावों से मजबूत डिमांड - PWCNews
मांग में वृद्धि तथा बाजार में उपलब्ध अभूतपूर्व छूट से यात्री वाहनों की बिक्री में सुस्ती के बाद तेजी लौटी है। इस वर्ष 42 दिन की अवधि में दोपहिया वाहनों का पंजीकरण पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत बढ़कर 33,11,325 इकाई हो गया।
फेस्टिव सीजन में गाड़ियों की बिक्री: 42,88,248 गाड़ियां बिकीं
इस फेस्टिव सीजन में भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। रिपोर्ट के अनुसार, कुल 42,88,248 गाड़ियां बेची गईं, जिनमें से 33,11,325 टू-व्हीलर्स शामिल हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि त्योहारों के मौसम में ऑटोमोबाइल की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। News by PWCNews.com के अनुसार, गावों से मिली मजबूत डिमांड ने बिक्री को बढ़ावा दिया है, जिससे यह सीजन ऑटो उद्योग के लिए बेहद सफल रहा है।
गांवों से बढ़ती मांग
गांवों में महत्वपूर्ण प्रगति और स्थिर आर्थिक स्थितियों के चलते मोटर वाहन खरीदने की प्रवृत्ति में वृद्धि देखी गई है। लोग अपने परिवहन के साधनों को बढ़ाने के लिए गाड़ियों की खरीद में रुचि दिखा रहे हैं। न केवल टू-व्हीलर्स, बल्कि चार पहिया गाड़ियों की भी बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। यह असल में देशभर में ग्रामीण बाजार के विकास का संकेत है।
त्योहारों का प्रभाव
फेस्टिव सीजन में खरीदारी का यह प्रचलन न केवल उपभोक्ताओं की जीवनशैली में बदलाव को दर्शाता है, बल्कि यह ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए एक अवसर भी है। कंपनियों ने विशेष छूट और प्रमोशनल ऑफर्स की पेशकश की, जो खरीदारों को आकर्षित करने में सफल रहे।
उद्योग विशेषज्ञों की राय
उद्योग के विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बिक्री वृद्धि एक स्थायी प्रवृत्ति बन सकती है यदि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचना विकास पर ध्यान देती है। इससे ना केवल गाड़ी खरीदने की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि सेवा देने वाली कंपनियों को भी लाभ होगा।
निष्कर्ष
फेस्टिव सीजन में हुई गाड़ियों की इस बिक्री ने न केवल ऑटोमोबाइल उद्योग को मजबूती प्रदान की है बल्कि यह संकेत भी दिया है कि भारतीय बाजार में विश्वास और स्थिरता वापस लौट रही है। ऐसे में आने वाले समय में इस प्रवृत्ति के और भी बढ़ने की उम्मीद है। News by PWCNews.com से जुड़े रहने के लिए हमारा अनुसरण करें।
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