Chardham Yatra: यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन से हुआ हादसा, एक बच्ची की मौत, कई यात्री मलबे में दबे
LANDSLIDE IN UTTARKASHI: उत्तराखंड में इन दिनों चारधाम यात्रा चल रही है। इसबीच मानसून शुरू होते ही पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आने लगी हैं। आज उत्तरकाशी में यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भैरव मन्दिर के निकट नौ कैंची बैंड के पास अचानक पहाड़ी दरकने की से हादसा हो गया। इस हादसे में कुछ […] The post Chardham Yatra: यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन, अचानक पहाड़ दरकने से मलबे में दबे यात्री, एक बच्ची की मौत appeared first on Devbhoomisamvad.com.

Chardham Yatra: यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन से हुआ हादसा, एक बच्ची की मौत, कई यात्री मलबे में दबे
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By Neha Sharma, Team PWC News
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन के कारण एक गंभीर हादसा हुआ है, जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई और कई यात्री मलबे में फंस गए हैं। इस घटना ने सभी को दुखी कर दिया है और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर दे दिया है।
भूस्खलन का विवरण
आज, उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भैरव मंदिर के पास अचानक पहाड़ी दरकने से भूस्खलन की घटना हुई। मौसम विभाग के अनुसार, इस समय क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है, जो इस भूस्खलन का मुख्य कारण मानी जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया है।
घटना का समय और स्थान
जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, यह भूस्खलन आज शाम लगभग 4:12 बजे हुआ। अचानक पहाड़ का दरकना अनेक यात्रियों के लिए संकट के क्षण लेकर आया, जिसमें कई लोग मलबे में फंस गए। स्थानीय SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें तत्काल राहत कार्य हेतु मौके पर पहुंची।
राहत एवं बचाव कार्य की स्थिति
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भूस्खलन में एक 12 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई है, हालांकि उसकी पहचान अभी तक तय नहीं हो पाई है। इसके अलावा, एक यात्री, जिसका नाम रचिक है और जो मुंबई से आया था, उसे मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। रचिक को जानकीचट्टी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सिर और हाथ में लगी चोटों का इलाज किया जा रहा है।
रचिक ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ ट्रेकिंग कर रहा था और एक दोस्त अब भी मलबे के नीचे फंसा हुआ है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, लगभग तीन लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं, और उनकी तलाश जारी है।
सरकार की प्रतिक्रियाएँ
जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत कुमार आर्य ने स्मार्ट कंट्रोल रूम से स्थिति की निगरानी करते हुए सभी संबंधित एजेंसियों को त्वरित संसाधनों को प्रभावित क्षेत्र में तैनात करने का आदेश दिया है। अन्य यात्रियों की सुरक्षा के लिए नोकाइंची बैंड क्षेत्र में पैदल यातायात को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
सुरक्षा उपायों की आवश्यकता
यह दुखद घटना दर्शाती है कि पहाड़ी क्षेत्रों में तीर्थयात्राओं के दौरान सुरक्षात्मक उपायों का पालन कितना आवश्यक है। अधिकारियों को इस दौरान यात्रियों को संभावित खतरों के प्रति जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए। खासकर मानसून के मौसम में भूस्खलन की आशंका अधिक होती है।
स्थानीय समुदाय का समर्थन
इस संकट की घड़ी में, स्थानीय समुदाय ने राहत और बचाव कार्य में योगदान देने के लिए आगे बढ़कर सहायता की है। लोगों की एकजुटता और पीड़ितों के प्रति दिल का हाल बहुत सराहनीय है। स्थानीय लोग और यात्री सभी प्रभावितों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
निष्कर्ष
चारधाम यात्रा, जो लाखों लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ यात्रा है, में धूप और बारिश का खास ध्यान रखना पड़ता है। संबंधित अधिकारियों और यात्रियों के बीच जागरूकता और सतर्कता ही सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगी। जैसे-जैसे राहत कार्य जारी है, हम सभी प्रभावितों की शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। आगे की नवीनतम जानकारी के लिए कृपया pwcnews.com पर जाएं।
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