सुप्रीम कोर्ट से CJI डीवाई चंद्रचूड़ का धमाकेदार रिटायरमेंट स्पीच, मांगी माफी, ऐसा क्या भी कहा? PWCNews
डीवाई चंद्रचूड़ ने सेवानिवृत्ति के अदालत में मौजूद वकीलों और अन्य लोगों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कभी दुख पहुंचा हो तो मुझे माफ करे।
सुप्रीम कोर्ट से CJI डीवाई चंद्रचूड़ का धमाकेदार रिटायरमेंट स्पीच
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महत्वपूर्ण क्षण
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने रिटायरमेंट स्पीच में कई अहम बिंदुओं पर प्रकाश डाला। यह भाषण न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसमें उन्होंने अपने कार्यकाल के अनुभवों और न्यायालय में किए गए महत्वपूर्ण निर्णयों पर चर्चा की।
माफी की मांग
अपने भाषण के दौरान, चंद्रचूड़ ने कुछ मामलों में की गई प्रक्रियात्मक चूकों के लिए माफी मांगी। उन्होंने ऐसे मामलों का जिक्र किया जहां निर्णय लेने में समय कम लगा और इसके परिणामस्वरूप न्यायालय का नाम प्रभावित हुआ। उनका यह बयान न्यायपालिका की पारदर्शिता और जवाबदेही का संकेत था।
महत्वपूर्ण बिंदु
चंद्रचूड़ ने अपने स्पीच में यह भी कहा कि न्यायपालिका का उद्देश्य केवल कानूनों का प्रवर्तन नहीं है, बल्कि समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियों को समझना जरूरी है। उन्होंने विशेष रूप से युवा वकीलों को सलाह दी कि वे अपने करियर में नैतिकता और इमानदारी को सर्वोपरि रखें।
व्यक्तिगत अनुभव
सुप्रीम कोर्ट में अपने समय को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण लेकिन संतोषजनक अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी से न्याय नहीं होता है और इसके लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
समापन
डीवाई चंद्रचूड़ का रिटायरमेंट स्पीच केवल एक विदाई नहीं थी, बल्कि यह एक प्रेरणादायक संदेश भी था जो न्यायपालिका में सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है। उनके शब्दों ने न केवल उपस्थित लोगों को प्रभावित किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मिसाल कायम की।
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