इनका बचकाना व्यवहार सेना का मनोबल गिरा रहा था” — प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष पर तीखा प्रहार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों का चिचोरापन (बचकाना व्यवहार) देश की सेना के मनोबल को प्रभावित कर रहा था। उन्होंने कहा कि जब हमारे जवान सीमाओं पर साहस और समर्पण से देश की रक्षा कर रहे हों, तब राजनीतिक स्वार्थ के लिए दिए […] The post इनका बचकाना व्यवहार सेना का मनोबल गिरा रहा था” — प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष पर तीखा प्रहार appeared first on Uttarakhand News Update.

इनका बचकाना व्यवहार सेना का मनोबल गिरा रहा था” — प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष पर तीखा प्रहार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कुछ लोगों का बचकाना व्यवहार देश की सेना के मनोबल को प्रभावित कर रहा था। उन्होंने पत्रकारों और आम नागरिकों से अपने विचार साझा करते हुए कहा कि जब हमारे जवान सीमाओं पर साहस और समर्पण से देश की रक्षा कर रहे हैं, तब राजनीतिक स्वार्थ के लिए दिए गए गैरजिम्मेदार बयान, न केवल सेना का अपमान करते हैं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी नकारात्मक संकेत भी देते हैं।
सेना का अपमान: एक गंभीर मुद्दा
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई बहस के दौरान, भारतीय सेना की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जो लोग सेना के शौर्य पर सवाल उठाते हैं, वे वास्तव में जनभावनाओं और राष्ट्रीय हितों की अवहेलना कर रहे हैं। आपके या मेरे विचार भले ही भिन्न हों, लेकिन जब बात हमारे सुरक्षा बलों की आती है, तब हमें एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।
मोदी ने कहा, “हम राजनीति में मतभेद रख सकते हैं, लेकिन सेना और सुरक्षा बलों के मनोबल के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे टिप्पणियों से न केवल सेना को ठेस पहुँचती है, बल्कि इससे देश की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है। भारत के जवान हर दिन अपने जीवन को जोखिम में डालते हैं ताकि हम एक सुरक्षित जीवन जी सकें।
संसद में गरमागरमी
प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद सदन में कुछ देर के लिए गर्मा-गर्मी का माहौल रहा, जिसमें कई विपक्षी सांसदों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि सेना के सम्मान और सुरक्षा नीति पर कोई राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह दर्शाता है कि वर्तमान समय में, जब देश सुरक्षा मुद्दों का सामना कर रहा है, तब राजनीतिक पार्टियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
जब प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा कि ऐसे बचकाने व्यवहार से देश के जवानों का मनोबल गिरता है, तो यह स्पष्ट है कि वे चाहते हैं कि सभी भारतीय अपने सैनिकों का समर्थन करें और उन्हें प्रेरित करें। इन शब्दों का महत्व तब और बढ़ जाता है, जब हम जानते हैं कि हमारे जवान कितनी कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हैं। उनके साहस और समर्पण को कभी कम नहीं आँकना चाहिए।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान केवल एक राजनीतिक बयानबाजी नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे सैनिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। हमें याद रखना होगा कि हर भारतीय का फर्ज है कि वे अपने सैनिकों को सम्मान दें और उनमें विश्वास जगाएँ। हमें राजनीतिक विवादों से परे जाकर अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
इस प्रकार, यह न केवल राजनीति का मामला है, बल्कि यह हमारा सामूहिक राष्ट्रीय कर्तव्य भी है। ऐसे समय में, जब देश चुनौतियों का सामना कर रहा है, हमें आपसी सौहार्द के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए।
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - pwcnews
लेखक: साक्षी रावत, अंजलि शर्मा, राधिका मेहता
टीम pwcnews
Keywords:
military morale, Narendra Modi, opposition remarks, Indian army, Operation Sindoor, national interest, political responsibility, public support, security forces, India politicsWhat's Your Reaction?






