Independence Day: ध्वजारोहण, देशभक्ति गीत और सांस्कृतिक रंगों से सजा बागेश्वर
स्वतंत्रता दिवस पर बागेश्वर में उमड़ा देशभक्ति का सैलाब नुमाइशखेत मैदान में गूंजे वंदे मातरम् के स्वर शहीदों के बलिदान से सींची स्वतंत्रता, 2047 तक Source

Independence Day: ध्वजारोहण, देशभक्ति गीत और सांस्कृतिक रंगों से सजा बागेश्वर
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स्वतंत्रता दिवस पर बागेश्वर में उमड़ा देशभक्ति का सैलाब, नुमाइशखेत मैदान में गूंजे वंदे मातरम् के स्वर। शहीदों के बलिदान से सींची स्वतंत्रता, 2047 तक के सपने ने सभी को एकत्रित कर दिया। यह दिन केवल गर्व का नहीं, बल्कि देश की एकता और अखंडता का प्रतीक भी है।
ध्वजारोहण सजीव समारोह
15 अगस्त को बागेश्वर में ध्वजारोहण का समारोह बेहद धूमधाम से आयोजित किया गया। इस साल का स्वतंत्रता दिवस अपने आप में विशेष था, क्योंकि इसे पहले से अधिक जोश और उत्साह के साथ मनाया गया। स्थानीय प्रशासन ने इस अवसर पर आकर्षक सजावट की और अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। विभिन्न स्कूलों के बच्चों और स्थानीय कलाकारों ने अपने देशभक्ति गीतों और नृत्यों के माध्यम से कार्यक्रम को और भी भव्य बना दिया।
देशभक्ति संग गीत और नृत्य
नुमाइशखेत मैदान में उपस्थित सभी लोगों ने “वंदे मातरम्” और “सारे जहाँ से अच्छा” जैसे गीतों का गाना शुरू किया। बच्चों के सांस्कृतिक प्रदर्शनों ने पूरे वातावरण में एक अद्भुत देशभक्ति का माहौल पैदा कर दिया। यह देखा गया कि लोग अपने देश के प्रति गर्व महसूस कर रहे थे, और सभी ने एक स्वर में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन
इस समारोह में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विविधता को भी प्रदर्शित किया गया। स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प और कलाकृतियों की प्रदर्शनी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इसने न केवल बागेश्वर की समृद्ध संस्कृति को उजागर किया, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी एक नया जीवन दिया। मिट्टी के बर्तन, उत्तराखंडी कश्मीरी शॉल और स्थानीय आहारों ने मौके की रौनक बढ़ा दी।
भविष्य के लिए संकल्प
इस साल के स्वतंत्रता दिवस को विशेष बनाने के लिए, स्थानीय अधिकारियों ने 2047 तक भारत के विकास के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया। सभी उपस्थित जनों ने हाथ उठाकर संकल्प लिया कि वे देश की सेवा में कभी पीछे नहीं हटेंगे। यह संकल्प केवल भव्यता का हिस्सा नहीं था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को एक उज्ज्वल भविष्य देने का एक वादा था।
निष्कर्ष
स्वतंत्रता दिवस पर बागेश्वर का यह रंग-बिरंगा और जीवंत कार्यक्रम एकत्रित जनसमूह के चेहरे पर खुशी लाने में सफल रहा। यह समारोह केवल उत्सव नहीं था, बल्कि यह एकजुटता, प्रेम और गर्व का प्रतीक बन गया। अधिक अपडेट के लिए यहां क्लिक करें।
स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित इस भव्य कार्यक्रम ने न केवल सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाया, बल्कि हमें यह भी याद दिलाया कि हमें अपने देश की सेवा करने का संकल्प लेना चाहिए।
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