ISRO ने 1 रुपये में किया 2.50 रुपये प्राप्त, एस सोमनाथ का दावा; वित्तपोषण के लिए सरकार पर निर्भरता को लेकर दिए महत्वपूर्ण बयान - PWCNews

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने अपने बयान में कहा है कि जब भी इसरो पर 1 रुपये खर्च किया जाता है तो इसके रिटर्न में हमें 2.50 रुपये मिलते हैं। यानी ढाई गुना ज्यादा। उन्होंने कहा कि इसरो बहुत कुछ करता है। हम वित्तपोषण के लिए सिर्फ सरकार पर निर्भर नहीं रह सकते हैं।

Nov 14, 2024 - 09:00
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ISRO ने 1 रुपये में किया 2.50 रुपये प्राप्त, एस सोमनाथ का दावा; वित्तपोषण के लिए सरकार पर निर्भरता को लेकर दिए महत्वपूर्ण बयान - PWCNews

ISRO ने 1 रुपये में किया 2.50 रुपये प्राप्त, एस सोमनाथ का दावा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जिससे यह स्पष्ट होता है कि संगठन अपनी सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद उच्चतम स्तर की तकनीकी उपलब्धियों को हासिल कर रहा है। ISRO के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि संगठन ने 1 रुपये में 2.50 रुपये के मूल्य की सेवाएं हासिल की हैं। यह बयान इस बात का प्रतीक है कि ISRO केवल अपनी तकनीक के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह वित्तीय संसाधनों के कुशल प्रबंधन में भी निपुण है।

वित्तपोषण के लिए सरकार पर निर्भरता

सोमनाथ ने सरकार पर निर्भरता के मुद्दे पर भी चर्चा की है। उन्होंने बताया कि ISRO ने अपने कार्यों के लिए वित्तपोषण को सुरक्षित करने के लिए विभिन्न विकल्पों का उपयोग किया है। यह निर्णय विशेष रूप से उन परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती हैं। ISRO का यह प्रयास न केवल प्रशासनिक स्तर पर बल्कि उद्योग के साथ साझेदारी में भी महत्वपूर्ण है।

ISRO की उपलब्धियां

ISRO ने पिछले कुछ वर्षों में कई सफल मिशन सम्पन्न किए हैं, जिसमें चंद्रमा और मंगल पर भेजे गए अंतरिक्ष यान शामिल हैं। इन अभियानों ने न केवल भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि सीमित संसाधनों में कैसे अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है। भारत की प्रौद्योगिकी दक्षता ने एक ऐसा मॉडल पेश किया है जो विश्व स्तर पर सराहा जा रहा है।

यहाँ यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सोमनाथ का यह बयान भविष्य की योजनाओं और विकास के लिए एक संकेत हो सकता है। आज का यह कदम ISRO की दृढ़ता और अनुसंधान एवं विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

अंत में, ISRO की सफलता का रहस्य उसकी वित्तीय कुशलता, सरकारी समर्थन, और देश के प्रति दृढ़ता में निहित है। सरकार की निरंतर सहायता और समर्थन से ISRO न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होगा, बल्कि यह विश्व के लिए भी एक मिसाल बनेगा।

News by PWCNews.com

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