उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र गैरसैंण में होगा
उत्तराखण्ड विधानसभा के मानसून सत्र का आयोजन आगामी 19 से 22 अगस्त 2025 तक विधानसभा...

उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र गैरसैंण में होगा
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उत्तराखण्ड विधानसभा के मानसून सत्र का आयोजन आगामी 19 से 22 अगस्त 2025 तक विधानसभा भवन भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में होगा। बीजेपी ने मानसून सत्र को गैरसैंण में आयोजित करने के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे जनभावनाओं का सम्मान बताया है। प्रदेशकीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने यह भी उम्मीद जताई कि पहाड़ी राज्य की अवधारणा के अनुसार विकास पर सार्थक चर्चा होगी। इस निर्णय को लेकर स्थानीय लोगों में भी संतोष का वातावरण है।
सत्र का महत्व और आयोजन का आधार
महेंद्र भट्ट ने अपने बयान में कहा, "राज्य निर्माण के संघर्ष से लेकर सर्वांगीण विकास के लिए हमारी सरकारें निरंतर कार्यशील रही हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि जनसहभागिता से पृथक राज्य का निर्माण और गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना उनकी सरकार की उपलब्धियाँ हैं। ग्रीष्मकालीन राजधानी में मानसून सत्र आयोजित करना इस बात का प्रमाण है कि राज्य ने ढांचागत और व्यवस्थागत विकास की दिशा में प्रगति की है।
विधानसभा के इस सत्र में विशेष रूप से विकास योजनाओं और जनकल्याण के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह निर्णय न केवल कागजों में है, बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों के विकास में ठोस कदम उठाने का संकेत भी देता है।
सरकार की प्रतिबद्धता
भट्ट ने जोर देकर कहा कि "डबल इंजन सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ ही आत्मविश्वास का कारण बनती हैं"। उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि उनके द्वारा उठाए जा रहे सवाल निराधार हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान में चल रही चार धाम यात्रा और पंचायत चुनाव भी पहाड़ी क्षेत्रों में विकास के संकेत दे रहे हैं।
विपक्ष की भूमिका
महेंद्र भट्ट ने विपक्ष से अपील की कि वे अपने राजनीतिक दुराग्रहों को पीछे छोड़कर जनता के मुद्दों को उठाए। यह अति आवश्यक है कि जनहित के मुद्दों पर चर्चा की जाए, ताकि स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा सके। विशेष रूप से, मानसून सत्र में विपक्ष सक्रिय रूप से भाग लेकर बेहतर संवाद स्थापित कर सकता है।
इस बार का मानसून सत्र सिर्फ एक सरकारी मीटिंग नहीं है; यह पहाड़ों में विकास की नई परिकल्पना को साकार करने का एक अवसर है। उम्मीद है कि यह सत्र स्थानीय नागरिकों की समस्याओं के समाधान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को प्रकट करेगा।
निष्कर्ष
गैरसैंण में मानसून सत्र का आयोजन निश्चित रूप से न केवल जिले के लिए बल्कि समस्त उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय दर्शाता है कि पहाड़ी राज्य के विकास में सभी संबंधित धाराओं के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी दिखाई जा रही है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि यह सत्र किस प्रकार राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लाता है।
देशभर के लोगों को इस महत्वपूर्ण आयोजन के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी मायने रखता है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें pwcnews.
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