कैलाश मानसरोवर यात्रियों का अंतिम दल टनकपुर में हुआ स्वागत
नन्हे मुन्ने बाल कलाकार एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के पदाधिकारियों ने किया यात्रियों का भव्य स्वागत टनकपुर/चम्पावत। कैलाश मानसरोवर यात्रियों

कैलाश मानसरोवर यात्रियों का अंतिम दल टनकपुर में हुआ स्वागत
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टनकपुर/चम्पावत: कैलाश मानसरोवर यात्रा का अंतिम, यानी पाँचवां दल शुक्रवार की शाम को टनकपुर के पर्यटक आवास गृह में पहुँचा। इस सौगात का भव्य स्वागत नन्हे-मुन्ने बाल कलाकारों और पर्यावरण संरक्षण समिति के पदाधिकारियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर KMVN टीम, पर्यटक आवास गृह प्रबंधक मनोज कुमार एवं पर्यावरण संरक्षण समिति की अध्यक्ष दीपा देवी की मुख्य भूमिका रही, जिन्होंने यात्रियों का आदरपूर्वक स्वागत किया।
पाँचवें दल का अद्वितीय अनुभव
कैलाश मानसरोवर यात्रा भारत और तिब्बत के बीच एक पवित्र यात्रा है, जो न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति की एक अमूल्य धरोहर भी है। इस वर्ष का यात्रा आयोजन कोविड-19 के बाद का पहला अवसर है, जब यात्रियों ने बिना किसी बाधा के इस यात्रा का आनंद लिया। इससे यह यात्रा किसी विशेष महत्व से कम नहीं है।
पाँचवें दल के यात्रियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कैलाश पर्वत की खूबसूरती और वहाँ की भव्यता के प्रति गहरी श्रद्धा महसूस की। ज्ञात हो कि यात्रियों ने सफर के दौरान अनेक कठिनाइयों का सामना किया लेकिन यह यात्रा उनके लिए अविस्मरणीय रही।
सांस्कृतिक स्वागत समारोह का आयोजन
टनकपुर में आयोजित स्वागत समारोह में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों में नन्हे-मुन्ने बाल कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया। यह प्रस्तुतियां केवल मनोरंजन ही नहीं बल्कि यात्रा के महत्व को भी उजागर करती हैं। पर्यावरण संरक्षण समिति ने इस अवसर पर पर्यावरण की रक्षा का भी संदेश दिया, जिससे जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया।
सुरक्षा और स्वास्थ्य प्राथमिकता
यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए प्रशासन ने कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया, ताकि यात्रियों की सुरक्षित और स्वस्थ यात्रा सुनिश्चित की जा सके। इससे यह भी साबित हुआ कि यह यात्रा न केवल धार्मिक है बल्कि स्वास्थ्य मानकों की भी पूरी जानकारी रखती है।
उपसंहार
कैलाश मानसरोवर यात्रा भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है, और इस प्रथा का संरक्षण हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यात्रियों का स्वागत समारोह इस संकल्प को और मजबूत बनाता है। टनकपुर में आयोजित कार्यक्रम ने निश्चित रूप से इस यात्रा के भविष्य को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
यात्रा की संपूर्ण जानकारी और भविष्य की योजनाएं जानने के लिए हमारे साथ बने रहें। अधिक अपडेट के लिए, कृपया pwcnews.com पर जाएं।
कम शब्दों में कहें तो, यह यात्रा न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान और पर्यावरण सुरक्षा का भी संदेश देती है।
सादर,
टीम PWC News
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