कौन हैं अब्दुल्ला बैरन और अब्दुल लतीफ, जिन्होंने अरबी में किया रामायण व महाभारत का अनुवाद; पीएम मोदी ने की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कुवैत यात्रा के दौरान अब्दुल्ला बैरन और अब्दुल लतीफ से विशेष मुलाकात की, जिन्होंने भारतीय महाकाव्य रामायण और महाभारत का हिंदी भाषा में अनुवाद किया है।

Dec 21, 2024 - 18:53
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कौन हैं अब्दुल्ला बैरन और अब्दुल लतीफ, जिन्होंने अरबी में किया रामायण व महाभारत का अनुवाद; पीएम मोदी ने की मुलाकात

कौन हैं अब्दुल्ला बैरन और अब्दुल लतीफ, जिन्होंने अरबी में किया रामायण व महाभारत का अनुवाद

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अब्दुल्ला बैरन और अब्दुल लतीफ से मुलाकात की, जो कि रामायण और महाभारत का अरबी में अनुवाद करने वाले प्रमुख व्यक्ति हैं। यह मुलाकात भारतीय संस्कृति के वैश्वीकरण और धार्मिक संवाद को बढ़ावा देने के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम जानेंगे कि ये दोनों विद्वान कौन हैं और उनके अनुवाद के महत्व के बारे में।

अब्दुल्ला बैरन: एक विचारक और लेखक

अब्दुल्ला बैरन एक प्रसिद्ध लेखक और विचारक हैं, जिन्होंने भारतीय धार्मिक ग्रंथों का अनुवाद करके एक नया दृष्टिकोण पेश किया है। उनका उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों के बीच संवाद को बढ़ावा देना है। उनके अनुवाद में न केवल भाषा का कौशल है, बल्कि उन्होंने सांस्कृतिक संदर्भ को भी ध्यान में रखा है, जिससे अरबी पाठकों के लिए यह ग्रंथ अधिक सुलभ हो सके।

अब्दुल लतीफ: अनुवादक और अध्ययनशील विद्वान

अब्दुल लतीफ एक प्रसिद्ध अनुवादक हैं जिन्होंने भारतीय महाकाव्य और धार्मिक ग्रंथों का गहराई से अध्ययन किया है। उनका काम न केवल संदेश को सही ढंग से प्रस्तुत करता है, बल्कि अरबी भाषा में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को भी समाहित करता है। यह उन्हें अन्य अनुवादकों से अलग बनाता है।

अनुवाद का महत्व

रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों का अरबी में अनुवाद करना वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति का परिचय कराता है। यह न केवल भारतीयों के लिए बल्कि अरबी भाषियों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य के बीच पुल का काम करता है। इससे भारतीय पौराणिक कथाओं को समझने और सनातन धर्म के मूल्य को जानने में सहूलियत होती है।

पीएम मोदी की पहल

पीएम मोदी ने इस मुलाकात के दौरान कहा कि इस तरह के अनुवाद से सांस्कृतिक सामंजस्य और आपसी समझ को बढ़ावा मिलेगा। उनका मानना है कि विभिन्न संस्कृतियों के बीच संवाद से शांति और सहयोग को बढ़ावा मिलता है। इस पहल का सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्वागत किया जा रहा है।

इस चर्चा के बाद, यह स्पष्ट है कि अब्दुल्ला बैरन और अब्दुल लतीफ का कार्य भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर फैलाने में सहायक सिद्ध होगा।

News by PWCNews.com

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