चम्पावत : दियूरी क्षेत्र में गुलदार का आतंक, 13 पालतू जानवरों को बनाया निवाला
चम्पावत। चम्पावत जिले के दियूरी ग्राम पंचायत में इन दिनों तेंदुए का जबरदस्त आतंक छाया हुआ है। तेंदुए के आतंक
चम्पावत : दियूरी क्षेत्र में गुलदार का आतंक, 13 पालतू जानवरों को बनाया निवाला
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चम्पावत। चम्पावत जिले के दियूरी ग्राम पंचायत में इन दिनों तेंदुए का जबरदस्त आतंक छाया हुआ है। तेंदुए के आतंक से ग्रामीण काफी परेशान और दहशत में हैं। अभी तक तेंदुआ ग्रामीणों के 13 पालतू जानवरों को मौत के घाट उतार चुका है। ग्रामीणों ने वन विभाग से जल्द से जल्द इससे निजात दिलाने की मांग उठाई है। शुक्रवार को ग्रामीण नारायण सिंह ने बताया कि तेंदुए ने उनकी 9 बकरियों को मौत के घाट उतार दिया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में भय फैलाकर रख दिया है।
तेंदुए का आतंक
हाल ही में, दियूरी क्षेत्र में तेंदुए के हमलों ने लोगों में दहशत फैला दी है। एक के बाद एक पालतू जानवरों का शिकार होने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ती जा रही है। तेंदुए द्वारा किए गए इन हमलों से बचने के लिए गांव के लोग रात को अपने जानवरों को बंद रखने के लिए मजबूर हैं। तेंदुए की यह हरकतें न केवल जानवरों के लिए, बल्कि मानव जीवन के लिए भी खतरा बन चुकी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग को सक्रियता से कदम उठाने की आवश्यकता है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों से अपील की है। ऐतिहासिक रूप से, तेंदुओं का स्थानीय जीवन में दखल एक गंभीर समस्या बन गई है। कुछ ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो उन्हें अपने जानवरों के लिए अधिक सुरक्षा के उपायों को लागू करना पड़ेगा। नारायण सिंह का कहना है, "हम बार-बार वन विभाग से गुहार लगा रहे हैं कि इस खतरे को समस्त करने के लिए जल्द ही कार्रवाई की जाए।"
हमें क्या करना चाहिए?
इस संकट का समाधान केवल ग्रामीणों की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक पर्यावरणीय मुद्दा भी है। ग्रामीणों को मोबाइल ऐप्स के माध्यम से तेंदुए की गतिविधियों को ट्रैक करने जैसे आधुनिक तरीकों का सहारा लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त, स्थानीय सरकार को इस परिस्थिति को गंभीरता से लेकर सुरक्षा उपायों में सुधार लाना चाहिए। यह समय है कि वन विभाग तेंदुए की पुनर्वास योजना पर विचार करें और उसके प्राकृतिक आवास का संरक्षण करें।
निष्कर्ष
दियूरी क्षेत्र में तेंदुए की बढ़ती समस्याएं गंभीर हैं और अगर इस पर जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया, तो यह हमारे स्थानीय जीवन और पारिस्थितिकी को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सभी स्तरों पर लोगों को इस समस्या का समाधान निकाला जाए। इसके साथ ही, ग्रामीणों को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाना होगा।
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पारिस्थितिकी की सुरक्षा और मानव-वन्यजीव संघर्षों को समाप्त करने के लिए शिक्षा और जागरूकता में वृद्धि आवश्यक है। हम सभी को एक साथ मिलकर इस मुद्दे का सामना करना चाहिए।
लेख टीम pwcnews द्वारा लिखा गया है।
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