छठ पूजा के रंग में, भूल भुलैया 3 के पंडित की आंखें भरीं; PWCNews
बॉलीवुड के सीनियर एक्टर संजय मिश्रा अचानक ही छठ पर्व का नाम आते ही उदास हो गए। उन्होंने अपने दिल की बात लोगों से साझा कि और नम आंखों के साथ बताया कि अब पहले वाली बात नहीं रह गई है।
छठ पूजा के रंग में, भूल भुलैया 3 के पंडित की आंखें भरीं
छठ पूजा, जिसे बिहार और उत्तर प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, का पंडित भूल भुलैया 3 के सेट पर विशेष रूप से चर्चित हो गया है। इस विशेष अवसर पर, पंडित की आंखों में खुशी और आंसू थे, जब उन्होंने छठ पूजा के महत्व को साझा किया। छठ पूजा सूर्य देवता और छठी मैया को समर्पित एक प्रसिद्ध त्योहार है, जिसमें श्रद्धालु अपने परिवार की भलाई के लिए दिनभर उपवास रखते हैं।
भूल भुलैया 3 का महत्व
भूल भुलैया 3 केवल एक फिल्म नहीं है; यह भारतीय सांस्कृतिक तत्वों और परंपराओं को जीवित रखने का भी एक प्रयास है। पंडित, जो फिल्म के एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, ने छठ पूजा के दौरान अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि यह त्योहार हमारी संस्कृति के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। उनका कहना था कि इस त्योहार का उद्देश्य न केवल सूर्य देवता को समर्पित करना है, बल्कि यह हमें एकता और भाईचारे की भावना भी सिखाता है।
छठ पूजा के रंग और रिवाज
छठ पूजा के दौरान, लोग अपने प्रियजनों के लिए खास प्रार्थनाएं करते हैं। इस अवसर पर विशेष पकवान बनाए जाते हैं, जैसे कि ठेकुआ, चिउड़े और भोजपुरी गीत गाए जाते हैं। पंडित ने बताया कि छठ पूजा में जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देना सबसे महत्वपूर्ण रिवाज है। यह न केवल आस्था का प्रदर्शन है, बल्कि समाज में एकता का भी प्रतीक है।
छठ पूजा के इस खास मौके पर भूल भुलैया 3 के पंडित की आंखें भर आईं, यह दर्शाता है कि कैसे हमारी पारंपरिक त्यौहार फिल्मों के माध्यम से भी जीवित रहते हैं। पंडित ने कहा कि यह समारोह व्यक्तिगत और सामूहिक भक्ति का एक सशक्त माध्यम है।
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