मांसाहारी दूध पर विवाद के बीच भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता मुश्किल में

भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में डेयरी और कृषि बड़े विवाद के मुद्दे बन गए हैं। अमेरिका भारत से डेयरी बाज़ार खोलने का दबाव डाल रहा है, जबकि भारत ने अमेरिकी डेयरी उत्पादों में ‘मांसाहारी दूध’ को लेकर सख्त आपत्ति जताई है। भारत का कहना है कि मांस या रक्त खिलाई […] The post मांसाहारी दूध पर विवाद के बीच भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता मुश्किल में appeared first on Khabar Sansar News.

Jul 18, 2025 - 18:53
 47  487.6k
मांसाहारी दूध पर विवाद के बीच भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता मुश्किल में

मांसाहारी दूध पर विवाद के बीच भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता मुश्किल में

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - pwcnews

भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में डेयरी और कृषि बड़े विवाद के मुद्दे बन गए हैं। अमेरिका भारत से डेयरी बाज़ार खोलने का दबाव डाल रहा है, जबकि भारत ने अमेरिकी डेयरी उत्पादों में ‘मांसाहारी दूध’ को लेकर सख्त आपत्ति जताई है। भारत का कहना है कि मांस या रक्त खिलाई गई गायों से निकला दूध भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिकी डेयरी से सस्ते उत्पादों के आयात से न केवल किसानों की आजीविका पर असर पड़ेगा बल्कि देश को सालाना भारी आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।

भारत की चिंता: धार्मिक आस्थाओं से समझौता नहीं

भारत की लगभग 38% जनसंख्या शाकाहारी है और हिंदू धर्म में दूध और घी का धार्मिक महत्व भी है। यही वजह है कि भारत ने मांग की है कि अमेरिका यह प्रमाणित करे कि आयातित दूध ऐसी गायों से आया हो जिन्हें मांस या रक्त नहीं खिलाया गया। भारत ने इस शर्त को अपनी “लाल रेखा” बताया है और इसे पार न करने की चेतावनी दी है। इस मुद्दे पर भारत की स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि धार्मिक आस्थाएं एवं सांस्कृतिक रिवाज भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

अमेरिकी दबाव से घरेलू उद्योग को खतरा

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत अमेरिकी डेयरी उत्पादों के लिए बाज़ार खोलता है तो यह छोटे किसानों और घरेलू उद्योग के लिए भारी नुकसान का सौदा हो सकता है। एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे भारत को सालाना करीब 1.03 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। अमेरिका जहां पिछले साल 8.22 अरब डॉलर का डेयरी निर्यातक था, वहीं भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक और उपभोक्ता है।

किसानों की आजीविका पर भी संकट

भारतीय किसान संगठनों और विशेषज्ञों का कहना है कि सस्ते अमेरिकी डेयरी उत्पादों के आने से बाजार में दाम गिरेंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा। महाराष्ट्र के एक किसान ने कहा कि सरकार को घरेलू किसानों के हितों की रक्षा करनी चाहिए। भारत का डेयरी उद्योग न केवल अर्थव्यवस्था में 2.5-3% योगदान देता है, बल्कि करोड़ों लोगों की रोज़ी-रोटी भी इससे जुड़ी है। ऐसे में सरकार के लिए उपभोक्ताओं की भावनाओं और किसानों की आजीविका के बीच संतुलन बनाना बड़ी चुनौती है।

आगे का रास्ता क्या?

इस विवाद के समाधान के लिए दोनों देशों को एक समझौते पर पहुँचने की आवश्यकता है। भारत को अपने खाद्य सुरक्षा और धार्मिक मान्यताओं का ध्यान रखते हुए ठोस कदम उठाने होंगे। वहीं अमेरिका को भारत के संवेदनशीलता को देख कर, अपनी आहार नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए। अंततः, यह वार्ता केवल व्यापार के एक पहलू के बारे में नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, धार्मिक मान्यता और खाद्य सुरक्षा का भी मामला है। दो शक्तिशाली देशों के बीच इस तरह की बातचीत से दोनों देशों में व्यापार का प्रवाह और सहयोग बढ़ सकता है।

इसे भी पढ़ें: हाल की अन्य महत्वपूर्ण ख़बरें और अपडेट्स के लिए pwcnews पर जाएं।

सारांश: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में मांसाहारी दूध को लेकर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे घरेलू उद्योग और किसानों की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है।

Keywords:

India US trade talks, dairy industry dispute, non-vegetarian milk, agricultural negotiations, cultural beliefs and trade

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow