नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया और राहुल गांधी की मुश्किलें हो रही हैं और भी बढ़ती

दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने बुधवार से रोज़ाना सुनवाई शुरू कर दी है। यह मामला कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ा है। सुनवाई विशेष सीबीआई न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में हो रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश […] The post नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया और राहुल गांधी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें appeared first on Khabar Sansar News.

Jul 2, 2025 - 18:53
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नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया और राहुल गांधी की मुश्किलें हो रही हैं और भी बढ़ती

नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया और राहुल गांधी की मुश्किलें हो रही हैं और भी बढ़ती

दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने बुधवार से रोज़ाना सुनवाई शुरू कर दी है। यह मामला कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से संबंधित है। सुनवाई विशेष सीबीआई न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में जारी है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - PWC News

कम शब्दों में कहें तो, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुप्रदर्शित दस्तावेजों और गवाहों के बयानों के आधार पर ये आरोप गंभीर दिखाई देते हैं। आरोपों की गंभीरता कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के लिए एक नई परीक्षा का संकेत है।

कांग्रेस पार्टी ने एजेएल को लेकर क्या किया?

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने अदालत में बताया कि कांग्रेस ने जानबूझकर एजेएल (एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड) को हड़पने की योजना बनाई थी। यह वही कंपनी है जिसने कभी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन किया था। एएसजी का कहना है कि एजेएल की संपत्ति लगभग 2,000 करोड़ रुपये की है, जो कि इस केस की जड़ में है।

कर्ज का मामला: जानबूझकर धोखा?

एएसजी ने अदालत को बताया कि कांग्रेस ने जानबूझकर एजेएल को 90 करोड़ रुपये का कर्ज दिया और फिर इसे यंग इंडियन नामक कंपनी के माध्यम से अधिग्रहित किया। इस कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना गांधी परिवार के इशारे पर बनाई गई थी, जिसका प्रमुख उद्देश्य एजेएल की संपत्तियों पर कब्जा करना था।

राजू ने यह भी दावा किया कि यह अधिग्रहण वास्तविक नहीं था क्योंकि इसमें न कोई वास्तविक लेन-देन हुआ और न ही कांग्रेस ने ब्याज या जमानत की मांग की। सिर्फ 50 लाख रुपये में 90 करोड़ रुपये के कर्ज को बेचना संदेहास्पद है। यंग इंडियन के प्रबंधन डायरेक्टर्स में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा शामिल हैं।

ईडी के द्वारा लगाए गए आरोप: एक गंभीर फर्जीवाड़ा?

ईडी ने दावा किया है कि इस तथाकथित फर्जीवाड़े के जरिए जो भी आय हुई, वह "अपराध की कमाई" में शामिल है। एजेंसी के अनुसार, गांधी परिवार ने इस 142 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का लाभ उठाया है। हाल के दिनों में, ईडी ने इस मामले में गांधी परिवार और अनेक वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अभियोजन शिकायत भी दर्ज कराई है।

इस स्थिति में, यह संभव है कि सोनिया और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, खासकर जब अदालत इस मामले की ठोस सच्चाई सामने लाएगी। आरोपों के परिणामस्वरूप, राजनीतिक दबाव भी कांग्रेस पार्टी के लिए एक चुनौती बन सकता है। इस स्थिति को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस संकट का सामना किस तरह करती है।

निष्कर्ष: क्या आएगा एक नया मोड़?

नेशनल हेराल्ड केस ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रखी है और यह भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यह सिर्फ कानूनी मामला नहीं है, बल्कि यह गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक साख के लिए भी एक निर्णायक परीक्षा है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - PWC News

अदालत की आगामी सुनवाई में क्या नया खुलासा होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। सभी की नजरें इस मामले पर टिकी रहेंगी। इसके चलते गांधी परिवार को एक बार फिर से विवादों में घसीटा गया है, और यह गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है।

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