दिवाली से पहले दिल्ली में AQI लेवल पहुंचा बहुत खराब श्रेणी में, पराली, पानी और पॉल्यूशन के चलते। PWCNews

दिल्ली में रोज का रोज प्रदूषण का लेवल बढ़ता ही जा रहा है। ये प्रदूषण जहरीली हवा के साथ-साथ पानी का भी है। यमुना नदी में केमिकल वाला झाग तैर रहा है। छठ पूजा में लोग इसी पानी के बीच में जाकर सूरज को अर्घ्य देंगे।

Oct 21, 2024 - 08:00
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दिवाली से पहले दिल्ली में AQI लेवल पहुंचा बहुत खराब श्रेणी में, पराली, पानी और पॉल्यूशन के चलते। PWCNews

दिल्ली में दिवाली से पहले AQI लेवल बहुत खराब श्रेणी में

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AQI की खतरनाक स्थिति

दिल्ली में दिवाली से पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लेवल बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है। इस स्थिति के लिए मुख्यतः पराली जलाने, पानी की कमी और वृद्धि हो रहे पॉल्यूशन स्तर जिम्मेदार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही हालात रहे, तो इस साल की दिवाली प्रदूषण के कारण लोगों के लिए उत्सव का आनंद कम कर सकती है।

पराली जलाने का प्रभाव

हर साल, किसान फसल कटाई के बाद पराली जलाते हैं। इस जलने की प्रक्रिया से निकलने वाले धुएं का प्रभाव राजधानी की वायु गुणवत्ता पर पड़ता है, जो PM2.5 और PM10 के स्तर को काफी बढ़ा देता है। पिछले कुछ सालों में, दिवाली के आसपास इन प्रदूषकों की मात्रा में वृद्धि देखने को मिली है, जो पहले से ही बिगड़ी हुई स्थिति को और खराब करती है।

पानी की कमी और उसके प्रभाव

दिल्ली में अब जल की भी कमी हो रही है। पानी की मात्रा कम होने के कारण धूल और अन्य प्रदूषक वायुमंडल में लटका रहते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है। मौसम में आ रहे बदलावों ने भी इस स्थिति को और गंभीर बना दिया है।

पॉल्यूशन के अन्य कारण

न केवल पराली जलाने, बल्कि वाहनों से निकलने वाला धुंआ, उद्योगों से निकलने वाले उत्सर्जन और निर्माण कार्य भी पॉल्यूशन का हिस्सा हैं। दिल्ली में ट्रैफिक जाम के चलते, वाहनों का धुंआ वायु में स्थायी रूप से रहता है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होता है।

समाधान और संरक्षण

सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मिलकर योजनाएं बनानी होंगी ताकि इस स्थिति को सुधारा जा सके। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना, पराली जलाने को रोकने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना और वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों का उपयोग करना जरूरी है।

दिवाली के समय, लोगों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक होना चाहिए। पटाकों का उपयोग कम करने और स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को अपनाने से हम अपने आसपास की वायु गुणवत्ता में सुधार ला सकते हैं।

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। तब ही हम एक सुरक्षित और सुखद दिवाली का आनंद उठा सकेंगे।

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