संयुक्त राष्ट्र में पहली बार मनाया गया विश्व ध्यान दिवस, श्री श्री रविशंकर ने इससे जुड़े कई लाभों और आयामों पर डाला जोर

संयुक्त राष्ट्र में पहली बार मनाए गए विश्व ध्यान दिवस पर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने प्रतिभागियों के साथ इससे जुड़े लाभों पर चर्चा की। इस दौरान महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग और अवर महासचिव अतुल खरे भी मौजूद रहे।

Dec 21, 2024 - 12:00
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संयुक्त राष्ट्र में पहली बार मनाया गया विश्व ध्यान दिवस, श्री श्री रविशंकर ने इससे जुड़े कई लाभों और आयामों पर डाला जोर

संयुक्त राष्ट्र में पहली बार मनाया गया विश्व ध्यान दिवस

विश्व ध्यान दिवस का महत्व

विश्व ध्यान दिवस, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहली बार मनाया गया, मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस दिन का आयोजन ध्यान के लाभों को प्रदर्शित करने के लिए किया गया, जो हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होता है। श्री श्री रविशंकर ने इस अवसर पर ध्यान के कई लाभों और आयामों पर ज़ोर दिया, बताते हुए कि यह साधन केवल तनाव को कम करने में ही मदद नहीं करता, बल्कि आत्मज्ञान और संतुलन भी प्रदान करता है।

श्री श्री रविशंकर का योगदान

श्री श्री रविशंकर, जो एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक शिक्षक और ध्यान विशेषज्ञ हैं, ने विश्व ध्यान दिवस पर ध्यान के सकारात्मक परिणामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ध्यान करने से व्यक्ति को न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह सामाजिक संगठनों और समुदायों को भी एकजुट करने में सहायक होता है। उनके अनुसार, नियमित रूप से ध्यान करने वाले लोग अधिक सकारात्मकता और खुशहाली का अनुभव करते हैं।

ध्यान के लाभ

ध्यान के कई रूप होते हैं, जो व्यक्ति की पसंद और आवश्यकताओं के अनुसार बदल सकते हैं। कुछ प्रमुख लाभों में शामिल हैं: तनाव में कमी, मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक स्थिरता और समग्र स्वास्थ्य में सुधार। अध्ययन बताते हैं कि नियमित ध्यान करने से मानसिक स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है और यह अवसाद के लक्षणों को भी कम करता है।

समाजिक दृष्टिकोण

विश्व ध्यान दिवस का आयोजन सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और एक सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए भी किया गया है। यह हमें याद दिलाता है कि ध्यान का अभ्यास केवल एक व्यक्तिगत क्रिया नहीं है, बल्कि यह सामूहिक और सामाजिक विकास का एक साधन भी है।

निष्कर्ष

इस विशेष दिन के माध्यम से, विश्व ने ध्यान के महत्व को समझा और उसे अपनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया। श्री श्री रविशंकर जैसे विचारशील नेताओं का योगदान इस दिशा में महत्वपूर्ण है। इस दिन की सफलता हमें सिखाती है कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और ध्यान का अभ्यास करना न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन के लिए, बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है।

News by PWCNews.com

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