'हम 80 साल से झेल रहे हैं', आतंकवाद और पाकिस्तान पर विदेश मंत्री जयशंकर ने यूरोप को जमकर सुनाया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर यूरोप के दोहरे रवैया की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर आंख बंद करके भरोसा नहीं किया जा सकता।

हम 80 साल से झेल रहे हैं', आतंकवाद और पाकिस्तान पर विदेश मंत्री जयशंकर ने यूरोप को जमकर सुनाया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान में यूरोप के दोहरे रवैये को कटु आलोचना की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लम्बे समय से संघर्ष कर रहा है और यह समस्या केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव वैश्विक स्तर पर है। यह बयान उस समय आया है जब दुनिया के कई देश पाकिस्तान की सैन्य सरकारों का समर्थन करने में लगे हैं।
एक सीधी आलोचना
जयशंकर ने कहा, "हम 80 साल से आतंकवाद का सामना कर रहे हैं और हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान पर आंख बंद करके भरोसा नहीं किया जा सकता।" उन्होंने यह भी बताया कि जब जब आतंकवादियों ने अपने कार्यों को अंजाम दिया, तब तब पाकिस्तान ने उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इस दिशा में भारत का रुख स्पष्ट है, और विदेश मंत्री ने यह संदेश यूरोप के देशों को जाकर दिया।
यूरोप का दोहरा रवैया
विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि यूरोप को आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों को यह समझना चाहिए कि जब वे पाकिस्तान जैसे देशों की ओर आंख मूंद लेते हैं, तब वे वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। "हम इस स्थिति को 80 वर्षों से झेल रहे हैं, और अब समय आ गया है कि सभी देश मिलकर एकजुट हों," जयशंकर ने कहा।
आतंकवाद का वैश्विक प्रभाव
जयशंकर ने यह भी उल्लेख किया कि आतंकवाद की समस्या सिर्फ एक देश की नहीं है। उन्होंने बताया कि जब आतंकवाद बढ़ता है, तो इसका प्रभाव संपूर्ण मानवता पर पड़ता है। "यह एक वैश्विक चुनौती है, और यूरोप को इसे गंभीरता से लेना चाहिए," उन्होंने कहा।
संभावित परिणाम
जयशंकर का यह बयान तत्कालीन वैश्विक स्थिति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। यह न केवल भारत की भू-राजनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि अन्य देशों को भी पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित करेगा।
जयशंकर ने इस संबंध में भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा कि सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उनके इस वक्तव्य का उद्देश्य न केवल भारत की सुरक्षा को मजबूत करना है, بلکه अन्य देशों को भी जागरूक करना है कि आतंकवाद एक साझा दुश्मन है जिसे हर किसी को मिलकर खत्म करना होगा।
निष्कर्ष
विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह बयान न केवल आतंकवाद को लेकर भारत की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि सभी देशों को एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करना होगा। भारत के इसी दृष्टिकोण से आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस नीति बनाने की आवश्यकता है। आगे बढ़ने के लिए, सभी देशों को एकजुट होकर काम करना होगा।
इसके लिए, Europe के देशों को यह समझने की आवश्यकता है कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने का समय आ गया है। साथ ही, पाकिस्तान जैसे देशों पर संशय बनाए रखना चाहिए।
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लेखक: माया शर्मा, प्रिया कपूर, टीम pwcnews
Keywords:
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