हरेला पर्व पर वीर पुरिया नैथानी की पैतृक जन्म स्थली में किया गया पौध रोपण कार्यक्रम

पौड़ी: उत्तराखंड की प्रकृति एवं संस्कृति के समन्वयक हरेला पर्व के शुभ अवसर पर आज विकास खंड कल्जीखाल स्थित गढ़वाल राजा के सेनापति वीर पुरिया नैथानी की पैतृक जन्म स्थली मूसा की नाव में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी एवं वन सिविल सोयम सतपुली प्रभाग के सहयोग से पौध रोपण कार्यक्रम में किया गया। जिसमें […] The post हरेला पर्व पर वीर पुरिया नैथानी की पैतृक जन्म स्थली में किया गया पौध रोपण कार्यक्रम appeared first on Devbhoomisamvad.com.

Jul 17, 2025 - 09:53
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हरेला पर्व पर वीर पुरिया नैथानी की पैतृक जन्म स्थली में किया गया पौध रोपण कार्यक्रम

हरेला पर्व पर वीर पुरिया नैथानी की पैतृक जन्म स्थली में किया गया पौध रोपण कार्यक्रम

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पौड़ी: उत्तराखंड की प्रकृति एवं संस्कृति के समन्वयक हरेला पर्व के शुभ अवसर पर आज विकास खंड कल्जीखाल में पौध रोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गढ़वाल राजा के सेनापति वीर पुरिया नैथानी की पैतृक जन्म स्थली मूसा की नाव में आयोजित किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी एवं वन सिविल सोयम सतपुली प्रभाग के सहयोग से संपन्न हुआ इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने उत्साह से भाग लिया।

कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व

यह पौध रोपण कार्यक्रम न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समुदाय के सदस्यों को एकजुट करने का एक साधन भी है। हरेला पर्व एक पारंपरिक पर्व है जो उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखता है। इसी के तहत, विभिन्न जनसमुदायों को पेड़ लगाने के महत्व के बारे में जागरूक करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था।

इस कार्यक्रम में प्रमुख तौर पर पीएलवी जगमोहन डांगी, डिप्टी रेंजर मदन सिंह, वन दरोगा मनोज उनियाल, और अन्य महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने मिलकर पौधारोपण किया, जो एक सामुदायिक भावना का प्रतीक था।

ग्राम पंचायत डांगी के योगदान

वहीं ग्राम पंचायत डांगी में भी हरेला पर्व की खुशी मनाई गई। पूर्व प्रधान भगवान सिंह चौहान की अध्यक्षता में महिलाओं ने पंचायत भवन के आसपास प्राकृतिक स्रोतों में पेड़ लगाए। इस अवसर पर महिला मंगल दल की अध्यक्ष नीतू लिंगवाल सहित कई जागरूक सदस्यों ने भाग लिया।

महिलाओं की भागीदारी

महिलाओं का इस कार्यक्रम में शामिल होना विशेष महत्व रखता है। उन्होंने न केवल पौधारोपण किया, बल्कि इस कार्य को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया। इस पहल से महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी फैलता है। इसके जरिए दीर्घकालिक पर्यावरणीय बदलाव लाने की दिशा में छोटे-छोटे कदम उठाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

हरेला पर्व का यह पौध रोपण कार्यक्रम न केवल पौड़ी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि समूचे उत्तराखंड में पौधारोपण की संस्कृति को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। ऐसे कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण, समुदायिक एकता, और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देते हैं। आगे बढ़ते हुए, हम सभी को इस दिशा में जागरूक रहने की आवश्यकता है ताकि हम अपनी पृथ्वी को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रख सकें।

इस कार्यक्रम की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि सामूहिक प्रयासों के माध्यम से हम पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकते हैं और उन्हें निभा सकते हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक पेड़ लगाएं और इसके साथ एक बेहतर भविष्य का निर्माण करें।

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