कांग्रेस ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अनुशासन का कड़ा संदेश भेजा, नेताओं पर कार्रवाई की
देहरादून: त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में पार्टी विरोधी गतिविधियों पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाबौ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुधीर रावत को तत्काल प्रभाव से छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। साथ ही, प्रदेश सचिव दीपक असवाल और पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष तारा नेगी को कारण बताओ […] The post त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में कांग्रेस ने चलाया अनुशासन का डंडा, दो नेताओं को कारण बताओ नोटिस, एक को दिखाया बाहर का रास्ता appeared first on Devbhoomisamvad.com.

कांग्रेस ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अनुशासन का कड़ा संदेश भेजा, नेताओं पर कार्रवाई की
देहरादून: प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनजर पार्टी विरोधी गतिविधियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए पाबौ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुधीर रावत को तुरंत प्रभाव से छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसके अलावा, प्रदेश सचिव दीपक असवाल और पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष तारा नेगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
कम शब्दों में कहें तो, कांग्रेस पार्टी ने अनुशासन की लकीर खींचने का निर्णायक कदम उठाया है जिसकी प्रतिक्रिया राजनीति के कई गलियारों में देखने को मिल रही है।
कांग्रेस का अनुशासनात्मक कदम
कांग्रेस पार्टी ने हाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अनुशासन बनाए रखने के लिए कड़ा कदम उठाया है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष (संगठन एवं प्रशासन) सूर्यकान्त धस्माना ने बताया कि सुधीर रावत ने पार्टी समर्थित उम्मीदवार के खिलाफ जाकर कनिष्ठ प्रमुख के चुनाव में विपक्षी प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया। इसके साथ ही, उन्होंने ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी पार्टी के उम्मीदवार की खिलाफत की। इस तरह की गतिविधियों ने पार्टी के अनुशासन और संगठनों के प्रति विश्वास को हानि पहुँचाई है।
अन्य नेताओं की स्थिति
प्रदेश सचिव दीपक असवाल और तारा नेगी पर भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने पार्टी के समर्थन वाले उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी गतिविधियों में भाग लिया। कांग्रेस नेतृत्व ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए दोनों नेताओं को तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण निर्देशित किया है। धस्माना के अनुसार, कांग्रेस एक अनुशासित संगठन है और यह अनुशासन तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ाई से कार्रवाई जारी रखेगी।
अनुशासन का संदेश
कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भविष्य में अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने और संगठन के लक्ष्यों को प्राथमिकता देने की सलाह दी है। पार्टी के इस लंबे समय तक चलने वाले अनुशासनात्मक दृष्टिकोण से यह संदेश जाता है कि उनके लिए पार्टी और उसके सिद्धांत सबसे पहले हैं।
भविष्य का परिदृश्य
कांग्रेस के इन अनुशासनात्मक कदमों ने यह साफ कर दिया है कि पार्टी अब आंतरिक गड़बड़ियों और अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस तरह की कार्रवाई न केवल कांग्रेस के लिए जरूरी थी, बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि राजनीतिक दलों को अनुशासन के महत्व को समझना चाहिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य दल भी इस उदाहरण का अनुसरण करते हैं या नहीं।
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सादर,
टीम PWC न्यूज़
नमा झा
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