जसवंतगढ़ जिले के गठन की मांग के लिए ग्राम यात्रा का दूसरा चरण सफल, तीसरे चरण की तैयारी में जुटी समिति
14 अगस्त से जसवंतगढ़ जिला संघर्ष समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कर्नल रामरतन नेगी के नेतृत्व...

जसवंतगढ़ जिले के गठन की मांग के लिए ग्राम यात्रा का दूसरा चरण सफल, तीसरे चरण की तैयारी में जुटी समिति
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कम शब्दों में कहें तो, 14 अगस्त से आरंभ हुई जसवंतगढ़ जिला संघर्ष समिति की ग्राम यात्रा का दूसरा चरण संपन्न हो गया है, जिसके अंतर्गत स्थानीय निवासियों के समर्थन का व्यापक प्रदर्शन हुआ। यह यात्रा भारतीय सेना के महान वीर महावीर चक्र विजेता अमर शहीद जसवंत सिंह रावत के जन्मदिन 19 अगस्त को धुमाकोट में आयोजित भव्य समारोह में समाप्त हुई। इस यात्रा ने स्थानीय समुदाय के एकता और प्रतिबद्धता की भावना को उजागर किया है।
ग्राम यात्रा का महत्व
जसवंतगढ़ जिले का गठन करवाने के लिए की गई यह ग्राम यात्रा स्थानीय निवासियों की आवाज को बुलंद करने का एक महत्वपूर्ण जरिया बनी है। इस यात्रा का उद्देश्य सरकारी प्रशासन को उनके मुद्दों और आवश्यकताओं से अवगत कराना और उनकी मांगों को विशेष बल देने के लिए एक मंच प्रदान करना था। सभा में उपस्थित सदस्यों ने क्षेत्रीय विकास पर जोर दिया और अपने विचारों को साझा किया, जिससे स्थानीय समुदाय में जागरूकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा मिला है।
सम्मानित व्यक्ति
समारोह में समाजसेवी गतिविधियों के लिए कई प्रमुख व्यक्तियों को 'जसवंतगढ़ रत्न 2025' सम्मान द्वारा नवाजा गया। इस सम्मान के प्राप्तकर्ताओं में राजेश कंडारी, मधु बिष्ट, जंगबहादुर सिंह नेगी और रंजना रावत शामिल थीं। ये विभूतियाँ अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए जानी जाती हैं और उनके योगदान का सम्मान किया गया।
संघर्ष समिति का संदेश
संघर्ष समिति के संयोजक आर पी ध्यानी ने सभा में कहा, "हमारा संघर्ष गांधीवादी विचारधारा को समर्पित है। हमें अपनी मांगों के प्रति कड़ाई से टिके रहना चाहिए। सरकार हमारे संयम की परीक्षा न ले; हमें हर हाल में जसवंतगढ़ जिला का गठन कराना है।" उन्होंने स्थानीय जनसंख्या की एकता और संकल्प को सराहा, जो आंदोलन में महत्त्वपूर्ण है।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल राजदर्शन सिंह रावत ने भी कहा, "हम अपने क्षेत्र की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं करेंगे। जसवंतगढ़ का गठन न केवल आवश्यक है, बल्कि यह क्षेत्र के विकास का मूल आधार है।"
अगले चरण की तैयारी
कर्नल रामरतन नेगी ने संवाददाता को बताया कि ग्राम यात्रा का यह दूसरा चरण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है और तीसरा चरण 14 नवम्बर से प्रारंभ होगा। उन्होंने इस यात्रा में लोगों के पुराने समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए आशा जताई कि अगले चरण में और भी अधिक लोग जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कठिनाइयों के बावजूद, स्थानीय निवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सामाजिक एकता का प्रतीक
जसवंतगढ़ जिले की इस मांग ने स्थानीय निवासियों को एकजुटता की भावना से जोड़ दिया है। उनकी एकता ने स्पष्ट किया है कि वे अपने अधिकारों के लिए एक साथ मिलकर संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। यह यात्रा केवल जिले के गठन की मांग के लिए एक मजबूत कदम नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक सशक्तिकरण और विकास की दिशा में भी एक प्रेरणा स्रोत बन गई है।
जैसे-जैसे तीसरे चरण की यात्रा की तैयारी हो रही है, यह देखने वाली बात है कि स्थानीय प्रशासन और सरकार किस प्रकार की प्रतिक्रिया देते हैं। आशा है कि उनकी मांगों का सम्मान किया जाएगा और विकास कार्यों की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
हम अपने पाठकों से निवेदन करते हैं कि वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपने विचार साझा करें और ऐसे आयोजनों में भाग लें जो उनके सामुदायिक विकास के हित में हों।
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