देहरादून निवासी ग्रुप कैप्टन कुणाल कालरा वीर चक्र से सम्मानित, सीएम धामी ने दी बधाई
देहरादून। ऑपरेशन सिंदूर में अद्वितीय साहस और वीरता का परिचय देते हुए आतंकियों के ठिकानों और पाकिस्तानी सैन्य अड्डों को

देहरादून निवासी ग्रुप कैप्टन कुणाल कालरा वीर चक्र से सम्मानित, सीएम धामी ने दी बधाई
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देहरादून। ऑपरेशन सिंदूर में अद्वितीय साहस और वीरता का परिचय देते हुए आतंकियों के ठिकानों और पाकिस्तानी सैन्य अड्डों को ध्वस्त करने के लिए देवभूमि उत्तराखंड के वीर सपूत एवं देहरादून निवासी ग्रुप कैप्टन कुणाल कालरा को वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। सीएम धामी ने कैप्टन कुणाल कालरा को बधाई दी है। सीएम धामी ने लिखा कैप्टन कुणाल कालरा की इस उपलब्धि पर संपूर्ण उत्तराखंड को गर्व है। बता दें आज देश...
साहस और वीरता का परिचय
ग्रुप कैप्टन कुणाल कालरा के इस सम्मान के पीछे बहुत बड़ा संघर्ष और बलिदान है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर मुश्किल हालात में आतंकियों के ठिकानों और पाकिस्तानी सैन्य अड्डों पर जो कामयाबी हासिल की, वह न केवल उनकी प्रोफेशनलिज़्म का परिणाम है, बल्कि उनकी अद्वितीय साहस का भी परिचायक है। उनकी इस उपलब्धि को पूरे देश में सराहा जा रहा है।
सीएम धामी का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैप्टन कालरा को बधाई देते हुए कहा कि यह पुरस्कार न केवल उनके व्यक्तित्व का मानक है, बल्कि यह उत्तराखंड के वीर सपूतों की साहसिकता को भी उजागर करता है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, "कैप्टन कुणाल कालरा की इस शानदार उपलब्धि पर हम सभी को गर्व है। यह उत्तराखंड के लिए एक विशेष क्षण है।"
कुणाल कालरा का योगदान
कुणाल कालरा का जीवन हमेशा से ही देश सेवा के लिए समर्पित रहा है। उनका फोकस न केवल अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में रहा है, बल्कि उन्होंने युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनकर भी देखा है। वह हमेशा नैतिक मूल्यों को महत्व देते हैं और युवाओं को देश के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित करते हैं।
राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर सराहना
कुणाल कालरा की इस उपलब्धि ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। विभिन्न समाजसेवी संगठनों और राजनीतिक दलों ने उनके इस साहसिक कृत्य के लिए बधाई दी है। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है।
भविष्य की दिशा
ऐसे वीरता के कार्यों से प्रेरणा लेकर, आने वाले समय में हमें और सैनिकों की आवश्यकता है जो देश की रक्षा और सच्चाई के लिए खड़े रहें। इस प्रकार के सम्मान से न केवल सम्मानित व्यक्ति को बल मिलता है, बल्कि समाज में जागरूकता भी बढ़ती है। हमें उम्मीद है कि ग्रुप कैप्टन कुणाल कालरा की कहानी नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्रोत बनेगी।
निष्कर्ष
ग्रुप कैप्टन कुणाल कालरा का वीर चक्र से सम्मानित होना न केवल उनके लिए बल्कि पूरे उत्तराखंड और राष्ट्र के लिए गर्व का एक क्षण है। इस उपलब्धि से यह स्पष्ट होता है कि साहस और निश्चितता के साथ किया गया देश सेवा का कार्य हमेशा ही सराहा जाता है। ऐसे नायकों की कहानी हमें सिखाती है कि जब भी राष्ट्र पर संकट आता है, तो हमारे जवान हमेशा सबसे पहले वहां होते हैं।
देश की रक्षा और साहसिक कार्यों में जिनका योगदान है, उन्हें हमेशा सम्मानित करना चाहिए। उनकी निस्वार्थ सेवा ही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
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