लोहाघाट:अखिल तारिणी धाम में 10 जुलाई को लगेगा विशाल मेला, तैयारियों में जुटे युवा

लोहाघाट/चम्पावत। लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत दिगालीचौड़ क्षेत्र में मां अखिलतारिणी धाम में कल 10 जुलाई गुरु पूर्णिमा के अवसर पर

Jul 9, 2025 - 09:53
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लोहाघाट:अखिल तारिणी धाम में 10 जुलाई को लगेगा विशाल मेला, तैयारियों में जुटे युवा

लोहाघाट: अखिल तारिणी धाम में 10 जुलाई को लगेगा विशाल मेला, तैयारियों में जुटे युवा

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लोहाघाट/चम्पावत। लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत दिगालीचौड़ क्षेत्र में मां अखिलतारिणी धाम में कल 10 जुलाई गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन होने जा रहा है। मंदिर समिति अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि कल 10 जुलाई को मां अखिलतारिणी धाम में होने जा रहे विशाल मेले में खिलपती से देवीरथ पर मां अखिलतारिणी की पूजा अर्चना की जाएगी। इस मेले में क्षेत्र के 18 गांव के लोग एवं प्रवासी शामिल होते हैं। ये मेले स्थानीय संस्कृति और परंपरा को बनाए रखने में मदत करते हैं।

विशाल मेले की तैयारियों में जुटे युवा

इस मेले की तैयारी में युवा वर्ग विशेष रूप से जुटा हुआ है। दीपक जोशी ने कहा कि युवा साथी जगह को सजाने और मेले को सफल बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। मंच सजावट, भोजन stalls, और धार्मिक कार्यक्रमों की प्लानिंग में युवा प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। इसे देखते हुए स्थानीय समुदाय के लोगों का उत्साह भी बढ़ गया है।

स्वागत का विशेष इंतजाम

मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। जोशी ने यह भी बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के तहत स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन को भी मित्रवत रूप से सम्मिलित किया जा रहा है। साफ-सफाई से लेकर चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने का भी उचित ध्यान रखा जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी श्रद्धालु सुखद अनुभव के साथ मेले का आनंद ले सकें।

स्थानीय खाद्य व सांस्कृतिक विशेषताएँ

मेले में न केवल धार्मिक भावनाएं बल्कि स्थानीय खाद्य सामग्री की विशेषताएँ भी लोगों को आकर्षित करेंगी। यहाँ स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने का अवसर मिलेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा नृत्य और संगीत का प्रदर्शन होगा। मेले की विविधता उस जगह के सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करती है।

निष्कर्ष

10 जुलाई का यह मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय की एकता और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है। मां अखिलतारिणी धाम में इस मेले में शामिल होने से न केवल धार्मिक भावनाएं जागृत होती हैं, बल्कि समुदाय की गहरी आस्था भी प्रकट होती है। स्थानीय युवा इसकी सफल तैयारी में जुटे हैं, जिससे यह आयोजन और भी भव्य और यादगार बन सके। हमें उम्मीद है कि यह मेला सभी के लिए सुखद अनुभव साबित होगा।

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