भूटानी ग्रुप ने निवेशकों को लगाई ₹3500 करोड़ की चपत, सिंगापुर और अमेरिका में खरीदी प्राइवेट प्रॉपर्टी
ईडी के गुरुग्राम जोनल ऑफस ने फरीदाबाद और दिल्ली में दर्ज किए गए दर्जनों एफआईआर के आधार पर भूटानी ग्रुप और उसके प्रोमोटरों आशीष भूटानी और आशीष भल्ला के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस शुरू किया था।

भूटानी ग्रुप ने निवेशकों को लगाई ₹3500 करोड़ की चपत
भूटानी ग्रुप, एक जाने-माने रियल एस्टेट डेवलपर, ने हाल ही में निवेशकों से ₹3500 करोड़ की एक राशि का फ्रॉड किया है। इस खबर ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी है। सिंगापुर और अमेरिका में कंपनी द्वारा की गई प्राइवेट प्रॉपर्टी की खरीदारी के पीछे का मकसद अब सवालों के घेरे में आ गया है। इस घटना की जांच के तहत निवेशकों को अपने पैसे वापस पाने की आशा है।
भूटानी ग्रुप का इतिहास और प्रभाव
भूटानी ग्रुप ने बीते वर्षों में भारतीय रियल एस्टेट मार्केट में अपनी पहचान बनाई है। इसने विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित किया। हालाँकि, अब इस कंपनी के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। हर कोई जानना चाहता है कि इस समूह ने कैसे इतने बड़े पैसे के साथ फ्रॉड किया।
प्राइवेट प्रॉपर्टी में खरीदी गई संपत्तियाँ
जानकारी के अनुसार, भूटानी ग्रुप ने सिंगापुर और अमेरिका में कई प्राइवेट प्रॉपर्टीज खरीदी हैं। इन संपत्तियों का मूल्यांकन करोड़ों में किया गया है। कंपनी ने इन संपत्तियों में निवेश करने का दावा किया, लेकिन निवेशकों को अब संदेह हो रहा है कि क्या ये संपत्तियाँ वास्तविकता में खरीदी गई थीं या यह ठगी का एक हिस्सा था।
निवेशकों की चिंताएँ
हर निवेशक चिंतित है कि उसका पैसा कहाँ गया। कुछ ने पहले ही न्यायालय में याचिका दायर की है, जबकि अन्य कंपनी के निर्णयों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भूटानी ग्रुप का यह मामला अन्य कंपनियों के लिए एक चेतावनी बन सकता है।
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