वित्त वर्ष 2024-25 में हुआ 36,014 करोड़ रुपये का फ्रॉड, सरकारी बैंक सबसे ज्यादा प्रभावित
RBI के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में सरकारी बैंकों में फ्रॉड की संख्या 6935 (29.0 प्रतिशत) और फ्रॉड की राशि 25,667 करोड़ रुपये (71.3 प्रतिशत) रही।

वित्त वर्ष 2024-25 में हुआ 36,014 करोड़ रुपये का फ्रॉड, सरकारी बैंक सबसे ज्यादा प्रभावित
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय बैंकों में फ्रॉड की घटनाओं में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष, कुल 36,014 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ जिसका लगभग 71.3 प्रतिशत सरकारी बैंकों से संबंधित है।
फ्रॉड की संख्याएँ और आंकड़े
रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों में फ्रॉड के मामलों की संख्या 6,935 रही, जो कि कुल फ्रॉड मामलों का 29.0 प्रतिशत है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि सरकारी बैंकों के लिए यह एक गंभीर समस्या बनती जा रही है।
सरकारी बैंकों पर प्रभाव
सरकारी बैंकों के लिए यह स्थिति न केवल वित्तीय स्थिरता को प्रभावित करती है, बल्कि यह ग्राहकों के विश्वास को भी कमजोर करती है। इस साल हुए फ्रॉड ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा उपायों पर सवाल उठा दिए हैं।
रिपोर्ट का उद्देश्य
यह रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि भारतीय बैंकों में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता है। RBI का यह कहना है कि फ्रॉड को रोकने के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे ग्राहकों का विश्वास बना रहें।
विश्लेषण और टिप्पणी
हाल के वर्षों में भारत में बैंक फ्रॉड की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, जिसमें तकनीकी चूक से लेकर मानव गलतियाँ शामिल हैं। हमारी अपनी रिसर्च के अनुसार, प्रभावी सुरक्षा प्रणालियों और ग्राहक शिक्षा की आवश्यकता यहाँ सबसे अधिक है।
बैंकों को फ्रॉड से बचने के लिए आगे की रणनीतियों को लागू करने की आवश्यकता है। सही सूचना और बैंकिंग प्रक्रियाओं के बारे में ग्राहकों को शिक्षित करना इस समस्या को कम कर सकता है।
निष्कर्ष
इस वर्ष हुए फ्रॉड ने स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली में सुरक्षा के उपायों को और मजबूती देने की आवश्यकता है। सरकारी बैंकों को इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है ताकि वे अपने ग्राहकों के विश्वास को फिर से हासिल कर सकें।
फ्रॉड को रोकने के उपायों के साथ-साथ, सही प्रबंधन और ग्राहकों की जागरूकता भी महत्वपूर्ण है। भविष्य में ऐसे मामलों को कम करने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता होगी।
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