'मार्क्स नहीं आएगा काम आएगा तो सिर्फ...', DU टॉपर को नहीं मिली इंटर्नशिप, रिजेक्शन झेलने के बाद लिखी दिल की बात
किसी भी इंसान का असल जीवन पढ़ाई के बाद ही शुरू होता है। जब वह हाथ में अपनी डिग्रियां लिए कंपनियों के पास नौकरी के लिए जाता है, तब उसे पता चलता है कि जिस चीज के लिए उसने जी तोड़ मेहनत कर पढ़ाई की वह अब बस एक मात्र कागज का टुकड़ा रह गया है।

मार्क्स नहीं आएगा काम आएगा तो सिर्फ... DU टॉपर को नहीं मिली इंटर्नशिप
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के एक टॉपर ने हाल ही में अपने अनुभव को साझा किया है जब उसे इंटर्नशिप की प्रक्रिया में असफलता का सामना करना पड़ा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मार्क्स का होना हमेशा कामयाबी की गारंटी नहीं है, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान और कौशल भी महत्वपूर्ण हैं। इस घटना ने न केवल कॉलेज के छात्रों को बल्कि वे सभी युवा जो रोजगार की संभावनाएं तलाश रहे हैं, उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया है।
इंटर्नशिप का महत्व
इंटर्नशिप किसी भी छात्र के शैक्षणिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। यह न केवल अनुभव प्रदान करती है, बल्कि करियर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। टॉपर का कहना है कि उन्होंने अपनी पढ़ाई में उत्कृष्टता के बावजूद, इंटर्नशिप के लिए बार-बार अस्वीकृति का सामना किया। इस स्थिति ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया कि केवल अच्छे अंक ही सफलता की कुंजी नहीं हैं।
दिल की बात: मार्क्स बनाम कौशल
टॉपर ने अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी दुनिया में, केवल अच्छे अंक प्राप्त करना ही पर्याप्त नहीं है। वे मानते हैं कि कौशल और व्यावहारिक ज्ञान अधिक महत्वपूर्ण हैं। उनका अनुभव यह दर्शाता है कि छात्रों को अपने कौशल पर काम करना चाहिए ताकि वे अपनी प्रतिभा को निखार सकें। अधिकतम अंकों के पीछे भागने के बजाय, उन्हें वास्तविक जीवन की समस्याओं का समाधान खोजने पर ध्यान देना चाहिए।
समाज और शिक्षा प्रणाली का रुख
इस मामले ने शिक्षा प्रणाली और समाज में बहस छेड़ दी है। क्या हमें छात्रों को उनके अंकों के लिए काबिल बनाना चाहिए या उनके रचनात्मक और व्यावहारिक कौशल को विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए? यह सवाल हर छात्र, शिक्षक और शिक्षा नीति निर्माताओं को विचार करने की आवश्यकता है।
अंत में, यह स्पष्ट है कि किसी भी पेशेवर क्षेत्र में सफलता के लिए, व्यावहारिक ज्ञान और सही दृष्टिकोण आवश्यक हैं। इस टॉपर की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि वास्तविक दुनिया में कामयाबी अंक नहीं, बल्कि कौशल और मेहनत से मिलती है।
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