26/11 Mumbai Attack: तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर क्या बोला अमेरिका और इजरायल, पाकिस्तान के पेट में होगा दर्द
मुंबई हमले का साजिशकर्ता और पाकिस्तान मूल के आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा को अब भारत लाया जा चुका है। अब वह एनआईए की गिरफ्त में है। विशेष अदालत में उस पर मुकदमा सुनाकर सजा सुनाई जाएगी। अजमल आमिर कसाब के बाद मुंबई हमलों से जुड़ा यह दूसरा आतंकी होगा, जिस पर भारत में मुकदमा चलेगा और सजा होगी।

26/11 Mumbai Attack: तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर क्या बोला अमेरिका और इजरायल, पाकिस्तान के पेट में होगा दर्द
26/11 का मुंबई आतंकी हमला एक ऐसा विषय है जिसमें न केवल भारत को बल्कि पूरे विश्व को प्रभावित करने वाले तत्व शामिल हैं। अब इस मामले में तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर अमेरिका और इजरायल की टिप्पणियों ने एक नई बहस को जन्म दिया है। अमेरिका और इजरायल ने इस संदर्भ में क्या कहा है, इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। News by PWCNews.com
तहव्वुर राणा का आरोप और संदर्भ
तहव्वुर राणा, जोकि इस मामले में एक प्रमुख आरोपी है, पर आरोप है कि उसने आतंकी गतिविधियों में सहायता की थी। 26/11 के हमले के पीछे इस्लामिक विद्रोही समूह लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था। अब अमेरिका और इजरायल, जिनके साथ पाकिस्तान के संबंध हमेशा से ही जटिल रहे हैं, ने राणा के प्रत्यर्पण को लेकर अपनी बातें स्पष्ट की हैं।
अमेरिका और इजरायल का बयान
अमेरिका ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह राणा के प्रत्यर्पण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा और उसे अपने न्याय के दायरे में लाना चाहता है। वहीं, इजरायल ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि आतंकवादियों के खिलाफ वैश्विक एकजुटता जरूरी है। इस प्रकार के बयानों से पाकिस्तान में हलचल मच गई है, जहाँ इस बात की चिंता है कि उनके राष्ट्र की छवि पर जो असर पड़ सकता है।
पाकिस्तान का संभावित दर्द
पाकिस्तान, जोकि 26/11 हमले के मुख्य संदिग्धों के लिए एक सुरक्षा जाल बनाता रहा, अब अमेरिका और इजरायल के साथ इस मुद्दे पर दोतरफा दबाव महसूस कर रहा है। यदि राणा का प्रत्यर्पण हो जाता है, तो यह न केवल पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती होगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी खामियों को भी उजागर करेगा।
आतंकवाद के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया
इस मामले से स्पष्ट होता है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रिया अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है। अमेरिका और इजरायल द्वारा दिए गए बयान इस बात की ओर इशारा करते हैं कि सभी राष्ट्रों को मिलकर आतंकवाद से लड़ने की जरूरत है। यह एक सकारात्मक संकेत है जो आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को दर्शाता है।
आखिरकार, 26/11 का हमला केवल एक निश्चित समय का मामला नहीं है; बल्कि यह सभी देशों के लिए एक चेतावनी है कि आतंकवाद अभी भी एक बड़ा खतरा है। इसके खिलाफ वैश्विक लड़ाई जारी रहनी चाहिए। News by PWCNews.com
अंत में, यह कहा जा सकता है कि तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों पर बुरा प्रभाव डालेगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई बयार भी लाएगा।
Keywords
26/11 मुंबई हमला, तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण, अमेरिका इजरायल का बयान, पाकिस्तान और आतंकवाद, आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता, मुंबई आतंकी हमला, लश्कर-ए-तैयबा, भारत-पाकिस्तान संबंध, अमेरिकी नीति आतंकवाद, इजरायली प्रतिक्रिया आतंकवाद पर.What's Your Reaction?






