BPSC Protest: धरने को अवैध बताए जाने पर भड़के प्रशांत किशोर, बोले- दिल्ली में किसानों को किसने दी अनुमति?

जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में धरने पर बैठे हुए हैं। इस बीच उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। प्रशासन का कहना है कि गलत जगह पर धरना दिया जा रहा है।

Jan 3, 2025 - 09:00
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BPSC Protest: धरने को अवैध बताए जाने पर भड़के प्रशांत किशोर, बोले- दिल्ली में किसानों को किसने दी अनुमति?
जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में धरने पर बैठे हुए हैं। इस बीच उनके खि

BPSC Protest: धरने को अवैध बताए जाने पर भड़के प्रशांत किशोर

दिल्ली में किसानों के आंदोलन और उसके बाद की स्थिति को लेकर प्रशांत किशोर ने अपनी आवाज उठाई है। जब बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के विरोध को अवैध घोषित किया गया, तो उन्होंने इस विषय पर गहरा असंतोष व्यक्त किया। प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया कि दिल्ली में किसानों को आंदोलन करने की अनुमति किसने दी? यह प्रश्न सामाजिक और राजनीतिक विमर्श को नया मोड़ देता है।

धरने का अवैध करार

BPSC द्वारा आयोजित धरना जो कि सामान्य लोगों के मुद्दों के लिए था, उसे अवैध करार दिया गया। ऐसा आरोपित किया गया कि यह धरना कानून के दायरे में नहीं आता। प्रशांत किशोर ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब किसानों के हक के लिए आंदोलन करना सही है, तो छात्रों और युवाओं के लिए आवाज उठाना क्यों गलत है? उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

किसानों के आंदोलन का संदर्भ

किसानों का आंदोलन पिछले कुछ वर्षों से काफी चर्चा में है। प्रशांत किशोर के नए सवाल ने एक बार फिर से किसानों के अधिकारों और आवाज को एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनाकर पेश किया है। उनके विरोध की जानकारी और उनका प्रयास जो कि युवाओं एवं छात्रों को संबोधित करते हैं, यह स्पष्ट करता है कि वे किस प्रकार से सामाजिक न्याय की वकालत कर रहे हैं।

प्रतिक्रिया और जन समर्थन

प्रशांत किशोर की बातों का व्यापक जन समर्थन भी देखने को मिल रहा है। युवा वर्ग और कई सामाजिक संगठनों ने उनके विचारों का समर्थन करते हुए धरने को लेकर चल रही राजनीति पर ध्यान आकर्षित किया है। उनका यह बयान समाज में छा रहे असमानता और युवा अधिकारों के लिए एक व्यापक कदम लगता है।

निष्कर्ष

एक प्रभावी नेतृत्व का उभरना, जो कि आम जनता के मुद्दों को उठाए, यह समय की आवश्यकता है। प्रशांत किशोर ने जो सवाल उठाए हैं, वे न केवल BPSC विरोध पर बल्कि नए राजनीतिक बदलाव पर भी केंद्रित हैं। इसके परिणाम क्या होंगे, यह समय बताएगा। समाचार पत्र और ऑनलाइन समाचार चैनल इस बहस को आगे बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं।

News by PWCNews.com

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