Rajat Sharma's Blog | अश्लीलता की पराकाष्ठा: यूट्यूबर्स का अक्षम्य अपराध
बातें इतनी गंदी हैं कि मैं बताना तो दूर, खुलकर जिक्र भी नहीं कर सकता। यूट्यूब के इस शो में गाली-गलौज पहले भी होती थी, अश्लील भाषा का इस्तेमाल पहले भी होता था, पर इस बार जो हुआ, उसने देखने वालों को हैरान कर दिया।

रजत शर्मा का ब्लॉग | अश्लीलता की पराकाष्ठा: यूट्यूबर्स का अक्षम्य अपराध
आजकल, यूट्यूब पर विभिन्न प्रकार के कंटेंट्स की बाढ़ आई हुई है। हालांकि, कुछ यूट्यूबर्स अपनी लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अश्लीलता की सीमाओं को पार कर रहे हैं, जो निश्चित रूप से एक अक्षम्य अपराध है। यूट्यूब पर अश्लीलता की बढ़ती प्रवृत्ति ने समाज में कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
यूट्यूबर्स की जिम्मेदारी
यूट्यूबर्स को अपने दर्शकों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जब वे अश्लीलता से भरे वीडियो बनाते हैं, तो वे केवल अपने चैनलों के लिए व्यूज़ और सब्सक्राइबर्स भले ही बढ़ा रहे हों, परन्तु वे समाज में नकारात्मक परिभाषा का निर्माण कर रहे हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि इनमें से अधिकांश वीडियो बच्चों और किशोरों द्वारा देखे जाते हैं।
अश्लीलता का प्रभाव
अश्लीलता का सबसे बड़ा प्रभाव युवा पीढ़ी पर पड़ता है। वे जिस सामग्री को देखते हैं, वह उनके मानसिक विकास को प्रभावित कर सकती है। यूट्यूबर्स के लिए यह जरूरी है कि वे सोच-समझकर कंटेंट बनाएं और समाज की जिम्मेदारी का एहसास करें।
समाज की प्रतिक्रिया
जब से ये मुद्दे उठे हैं, समाज में प्रतिक्रिया भी बढ़ी है। विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों ने यूट्यूब से आग्रह किया है कि वह ऐसे असामाजिक कंटेंट को प्लेटफॉर्म से हटाए। यूट्यूब को लॉजिकल और एथिकल गाइडलाइंस के अंतर्गत काम करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।
अंत में, हमें एक दृढ़ संकल्प लेना होगा कि अश्लीलता का प्रचार करने वाले यूट्यूबर्स के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अपने बच्चों और युवा पीढ़ी को एक स्वस्थ मानसिक वातावरण प्रदान करें।
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