The Filmy Hustle Exclusive: क्यों भारत में नहीं चल पाईं एनिमेटिड फिल्में? विषेक चौहान ने बताई वजह
The Filmy Hustle Exclusive: इंडिया टीवी के 'द फिल्मी हसल' पॉडकास्ट में बिहार में रूपबनी सिनेमा के सीईओ विषेक चौहान ने बॉलीवुड फिल्मों को लेकर बात की। साथ ही बताया कि क्यों बॉलीवुड की फिल्में नहीं चल पा रही हैं।

The Filmy Hustle Exclusive: क्यों भारत में नहीं चल पाईं एनिमेटिड फिल्में? विषेक चौहान ने बताई वजह
भारत में एनिमेटिड फिल्में पिछले कुछ वर्षों में बहुत चर्चा में रही हैं, लेकिन फिर भी ये बड़े पर्दे पर उतनी सफलता नहीं हासिल कर पाईं जितनी कि अपेक्षित थी। इस विषय पर गहरी चर्चा करने के लिए हमने विषेक चौहान से संपर्क किया, जिन्होंने अपने अनुभवों और विचारों के आधार पर इस विषय को समझाने की कोशिश की।
भारत में एनिमेटिड फिल्मों का वर्तमान परिदृश्य
हर कोई जानता है कि एनिमेटिड फिल्में विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाई जाती हैं। लेकिन हाल के वर्षों में, जैसे-जैसे तकनीक में सुधार हुआ है, एनिमेटिड फिल्में परिवारों और वयस्क दर्शकों के बीच भी लोकप्रिय होने लगी हैं। फिर भी, भारत में एनिमेटिड फिल्मों के प्रति दर्शकों की अनिच्छा स्पष्ट है। विषेक चौहान ने बताया कि मुख्य कारण यह है कि भारतीय दर्शक पारंपरिक कहानियों और लाइव-एक्शन फिल्मों को अधिक पसंद करते हैं।
संस्कृति और कहानी का महत्व
भारत में सांस्कृतिक विविधता और लोककथाएं हैं, जो एनिमेटिड फिल्म निर्माताओं के लिए बड़ी चुनौती बनती हैं। विषेक चौहान ने संकेत दिया कि एनिमेटिड फिल्मों की कहानियां अक्सर पश्चिमी शैली की होती हैं और इसमें भारतीय परिवेश को सही तरीके से नहीं दर्शाया जाता। यही कारण है कि भारतीय दर्शक इन फिल्मों से खुद को नहीं जोड़ पाते।
विपणन और वितरण की चुनौतियाँ
इसके अलावा, विपणन के दृष्टिकोण से भी एनिमेटिड फिल्मों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई बार, उत्पादन कंपनियां पर्याप्त बजट आवंटित नहीं करतीं, जिससे अच्छी गुणवत्ता की एनिमेटिड फिल्में नहीं बन पातीं। विषेक चौहान के अनुसार, दर्शकों तक पहुँचाने के लिए प्रभावी वितरण चैनल की भी कमी है। इस स्थिति को सुधारने के लिए, एक मजबूत विपणन रणनीति की आवश्यकता है।
भविष्य की संभावनाएं
हालांकि वर्तमान परिदृश्य चुनौतीपूर्ण है, लेकिन विषेक चौहान का मानना है कि यदि निर्माता सही प्रकार की कहानियों के साथ एनिमेटिड फिल्में पेश करें, तो दर्शकों की रुचि बढ़ सकती है। भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखते हुए एक नवीन दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है।
अंत में, भारत में एनिमेटिड फिल्मों की सफलता के लिए, निर्माता, विपणक और दर्शकों को एक साथ आकर इस दिशा में काम करना होगा। विषेक चौहान ने इस ताजगी भरे दृष्टिकोण से भारतीय एनिमेटिड फिल्मों के भविष्य के लिए आसार जताए।
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