उत्तराखंड पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों की पात्रता पर भ्रामक जानकारी का राज्य निर्वाचन आयोग ने खंडन किया

uttarakhand panchayat elections: राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखंड के संज्ञान में आया है कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों पर आगामी पंचायत चुनावों में उम्मीदवार की पात्रता के संबंध में भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। विशेष रूप से, यह गलत प्रचार किया जा रहा है कि यदि किसी उम्मीदवार का नाम […] The post उत्तराखंड पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी की पात्रता के संबंध में भ्रामक सूचना का राज्य निर्वाचन आयोग ने किया खंडन appeared first on Devbhoomisamvad.com.

Jul 9, 2025 - 09:53
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उत्तराखंड पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों की पात्रता पर भ्रामक जानकारी का राज्य निर्वाचन आयोग ने खंडन किया

उत्तराखंड पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों की पात्रता पर भ्रामक जानकारी का राज्य निर्वाचन आयोग ने खंडन किया

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कम शब्दों में कहें तो, राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों की पात्रता से संबंधित फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं का खंडन किया है। आयोग ने इस बात की पुष्टि की है कि सभी नियम पूर्ववर्ती हैं और किसी भी नई सूचना का जारी होना गलत है।

हाल ही में उत्तराखंड में पंचायत चुनावों से संबंधित कई भ्रामक सूचनाएं सोशल मीडिया और विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर प्रसारित हो रही हैं। इन सूचनाओं को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कुछ महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी करने की आवश्यकता के बारे में बताया है।

भ्रामक सूचनाएं और उनका प्रभाव

राज्य निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि उम्मीदवारों की पात्रता सम्बन्धी जानकारी में कई भ्रांतियां मौजूद हैं। खासकर, यह गलत प्रचार किया जा रहा है कि यदि किसी उम्मीदवार का नाम शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाता सूचियों में है, तो उसकी उम्मीदवारी पर विभिन्न अपात्रताएँ लागू होती हैं। आयोग ने ये भी कहा है कि इस संदर्भ में कोई नए निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग का स्पष्टीकरण

राज्य निर्वाचन आयोग का स्पष्ट बयान है कि उत्तराखंड में पंचायत चुनाव पूरी तरह से उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 (यथासंशोधित) के अनुसरण में होंगे। आयोग की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि हाल में कोई भी नए निर्देश जारी नहीं हुए हैं। सभी उम्मीदवारों को पहले से निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

अधिनियम की धारा 9(13) के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का नाम ग्राम पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में है, तो वह उस क्षेत्र में मतदान करने और निर्वाचित होने के लिए पूरी तरह से पात्र होगा। यह जानकारी उम्मीदवारों के अधिकारों को स्पष्ट करती है।

निराधार प्रचार पर विश्वास न करें

राज्य निर्वाचन आयोग ने आम जनता से अपील की है कि वे ऐसे निराधार प्रचार पर ध्यान ना दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें। आयोग ने सुझाव दिया है कि यदि किसी के मन में कोई संशय है, तो वे अवश्य ही अधिनियम का अध्ययन करें या अपने जिला निर्वाचन अधिकारी से संपर्क करें।

निष्कर्ष

उत्तराखंड पंचायत चुनावों की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। सभी लोगों को सही जानकारी प्राप्त करने और अधिकृत स्रोतों से जानकारी की पुष्टि करने की आवश्यकता है। तभी हम इस पर्व को सही तरीके से मना पाएंगे।

यह खबर हमें यह बताती है कि जानकारी का स्रोत कितना महत्वपूर्ण है और हमें निराधार भ्रामक जानकारी से बचना आवश्यक है। सही तरीकों से चुनावों का आयोजन और सुचारु प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए आयोग की घोषणा महत्वपूर्ण है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने सभी आधिकारिक निर्देशों का पालन करना आवश्यक बना दिया है, ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।

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सादर,
प्रियंका शर्मा
Team PWC News

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