कर्मचारी महासंघ ने आंदोलन के 376 वें दिन लगाए 2000 पौधे
संयुक्त कर्मचारी महासंघ कुमाऊं गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रांतीय आवाहन पर नियमितीकरण नियमावली कट...

कर्मचारी महासंघ ने आंदोलन के 376 वें दिन लगाए 2000 पौधे
संयुक्त कर्मचारी महासंघ कुमाऊं गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रांतीय आवाहन पर नियमितीकरण नियमावली कट ऑफ डेट 2025 को लेकर जारी किया जा रहा पौधारोपण आंदोलन आज 376 वें दिन भी जारी रहा। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुरु रानी के नेतृत्व में पर्यटकों को पौधारोपण कार्यक्रम से जोड़ने के तहत स्लोगन “देवभूमि में पर्यटक बनकर आईए, पौधारोपण कर पर्यावरण मित्र बनकर जाइए” के तहत आज उनके नेतृत्व में हरेला के पर्व पर पलेटा स्थित धूसाखान शिव मंदिर परिसर में विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया।
वहीं पूर्व में लगाए गए पौधों का भी संरक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि आज समूचे कुमाऊं व गढ़वाल मंडल विकास निगम के कर्मचारियों ने पौधारोपण का रिकॉर्ड बनाने वाले सरकार के कार्यक्रम में सहयोग करते हुए 2000 पौधों का रोपण किया। गुरु रानी ने निगम की जिन इकाइयों में पौधारोपण किया गया उनके कर्मचारियों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उनकी पौधारोपण की मुहिम जारी रहेगी।
पौधारोपण का महत्व
पौधारोपण न केवल पर्यावरण को सुरक्षित करने में मदद करता है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए, इस तरह के कार्यक्रमों की आवश्यकता अत्यधिक बढ़ गई है। पौधों के संरक्षण और उनकी वृद्धि के लिए संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रयास सराहनीय हैं।
जन जागरूकता की आवश्यकता
इस कार्यक्रम में केवल पौधारोपण ही नहीं, बल्कि जन जागरूकता को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। पर्यटकों से अपेक्षा की गई है कि वे इस मुहिम में आगे बढ़ें, जिससे पर्यावरण की रक्षा हो सके। महासंघ के सदस्य इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह आंदोलन केवल 376 दिन का नहीं है, बल्कि यह एक स्थायी प्रतिबद्धता है जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है।
इस संबंध में अधिक जानकारी और दैनिक अपडेट के लिए हमारी वेबसाइट pwcnews.com पर जाएँ।
निष्कर्ष
संयुक्त कर्मचारी महासंघ का पौधारोपण अभियान एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो न केवल प्रदेश के पर्यावरण के लिए, बल्कि सभी के लिए एक जागरूकता बढ़ाने वाली पहल है। यह सांस्कृतिक और पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मुहिम के जरिए, महासंघ न केवल स्थानीय कर्मचारियों को शामिल कर रहा है, बल्कि पूरे समाज को एक सकारात्मक संदेश दे रहा है।
“हम मिलकर एक सुरक्षित और हरा-भरा पर्यावरण बना सकते हैं,” कहती हैं महासंघ की एक सदस्य। भारतीय महिलाएं इस प्रकार की पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, और इसकी दिशा में यह आंदोलन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस प्रयास में सभी मध्य वर्ग के लोगों को शामिल करना चाहिए ताकि हम एक मज़बूत भविष्य के लिए कार्य कर सकें।
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - pwcnews
Keywords:
movement, plantation, environmental awareness, employees federation, Uttarakhand news, employee rights, climate change, vegetation, community service, social responsibilityWhat's Your Reaction?






