कुत्तों का काटना बन चुका है 'महामारी', भारत में रेबीज से हर साल 5700 मौतें
भारत में हर साल 5700 से अधिक लोग रेबीज से मरते हैं, जिनमें से 75% मौतें कुत्तों के काटने से होते हैं। ICMR के सर्वेक्षण से यह जानकारी सामने आई है।
कुत्तों का काटना बन चुका है 'महामारी'
भारत में रेबीज से हर साल 5700 मौतें
देश में कुत्तों द्वारा काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी हैं। समाचार द्वारा प्रदर्शित आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 5700 लोग रेबीज के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। यह समस्या विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में अधिक दिखाई देती है, जहां सड़कों पर घूमते कुत्तों की संख्या बढ़ रही है।
रेबीज एक जानलेवा बीमारी है, जो तब होती है जब संक्रमित कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है या खरोंचता है। यह वायरस केंद्रिय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और यदि समय पर उपचार नहीं किया गया तो यह मृत्यु का कारण बन सकता है।
कुत्तों का काटना: समस्या के कारण
भारत में कुत्तों के काटने की घटनाओं के पीछे कई कारण हैं। प्रमुख कारणों में कुत्तों की बढ़ती जनसंख्या, उचित टीकाकरण की कमी, और जागरूकता का अभाव शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन पहलुओं पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो हालात और गंभीर हो सकते हैं।
समाधान और जागरूकता
समस्या को हल करने के लिए, सरकार और स्वास्थ्य संगठन उपाय कर रहे हैं। कुत्तों के टीकाकरण और उनसे संबंधित जागरूकता कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं। इसके अलावा, लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है कि जब वे कुत्तों से संपर्क करें, तो उन्हें किस प्रकार सतर्क रहना चाहिए।
समाज के सभी वर्गों को इस समस्या के प्रति जागरूक होना चाहिए और कुत्तों के प्रति जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए। केवल इसी प्रकार हम इस महामारी का सामना कर सकते हैं।
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