चम्पावत: सड़क के अभाव में चार घंटे तक डंडे से लटका कर ले जाए गया शव

चम्पावत। सड़क का अभाव सीमांत के गांवों के लोगों के लिए जीते जीते तो मुसीबत का सबब तो बनता ही

Sep 2, 2025 - 09:53
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चम्पावत: सड़क के अभाव में चार घंटे तक डंडे से लटका कर ले जाए गया शव

चम्पावत: वृद्ध का शव चार घंटे तक डंडे से लटकाकर ले जाना पड़ा

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कम शब्दों में कहें तो चम्पावत के सीमांत गांवों में सड़क के अभाव ने उनके लिए जीते जी मुसीबत खड़ी कर दी है। हाल ही में एक बुजुर्ग की मौत के बाद उनके शव को गाँव तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को अनूठा संघर्ष करना पड़ा।

भीषण बारिश के बीच ग्रामीणों की संघर्ष की कहानी

चम्पावत में सड़क का अभाव केवल जीवन के लिए ही नहीं, बल्कि मृत्यु के बाद भी समस्या बन गया है। हाल ही में एक बुजुर्ग की मृत्यु के बाद, उनके अंतिम संस्कार के लिए शव को गांव तक ले जाने में ग्रामीणों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ा।

बुजुर्ग के शव को गांव के लिए ले जाने के लिए ग्रामीणों को डंडे का सहारा लेना पड़ा। भारी बारिश के चलते स्थिति और भी गंभीर हो गई। ग्रामीणों ने जुगाड़ करते हुए शव को पन्नी में लपेटा और लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित गांव तक पहुंचाने के लिए इसे डंडे पर लटका दिया। इस कठिनाई के बीच, उन्होंने न केवल अपने साथी नागरिक के प्रति संवेदनशीलता दिखाई बल्कि गाँव की आवश्यकताओं का भी सामना किया।

सड़क के अभाव का सामाजिक प्रभाव

इस घटना ने फिर से उन मुद्दों को उजागर किया है जिन्हें भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अक्सर सामना करना पड़ता है। सड़क की अव्यवस्था और खराब बुनियादी ढांचे के कारण यह न केवल मुसीबत का सबब है, बल्कि यह ग्रामीणों के स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर को भी प्रभावित करता है।

सड़क नहीं होने से न केवल आर्थिक तरक्की में दिक्कतें आती हैं, बल्कि आपातकालीन स्थिति में भी काफी नुकसान होता है। हम देख सकते हैं कि एक आम नागरिक की मृत्यु के बाद भी उनकी अंतिम यात्रा को पूरा करने में कितनी कठिनाई होती है। इस स्थिति के चलते स्थानीय प्रशासन और सरकार को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

स्थानीय प्रशासन की भूमिका

स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे गांवों की सड़कें तुरंत बनाए, ताकि ऐसी घटनाएं फिर से ना हों। विश्वसनीय बालों और चिकित्सा सेवाओं का भी सख्त आवाहन किया जा रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की लोगों की जरूरतों को शीघ्रता से समझा जा सके।

सिर्फ बात करने से कुछ नहीं होता, कार्यवाही जरूरी है। क्या सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी? यह एक बड़ा सवाल है, जो अभी भी ग्रामीणों के सामने खड़ा है।

एक कलीग के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह महत्वपूर्ण है कि लोग इस प्रकार की घटनाओं की ओर ध्यान दें। अभी हमें इस समस्या का स्थायी समाधान खोजना है।

आइए हम सब मिलकर ऐसे मुद्दों पर आवाज उठाएं ताकि हमारे ग्रामीण भाई-बहनों को ऐसे कष्टों का सामना न करना पड़े।

अंत में, हम सभी से निवेदन करते हैं कि इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाएं और स्थानीय प्रशासन पर दबाव डालें कि वे एक ठोस सड़क बनाने और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम करें।

फिर से, हम अपने सभी पाठकों को याद दिलाते हैं कि ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए एक मजबूत समुदाय की आवश्यकता होती है। इसलिए, सभी नागरिकों को इस मुद्दे पर जागरूक होना आवश्यक है।

यदि आप अधिक जानकारी और अपडेट चाहते हैं, तो कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएं: https://pwcnews.com

इस संवेदनशील मुद्दे पर विचार करते हुए, हम प्रार्थना करते हैं कि चम्पावत के सीमांत ग्रामीणों को जल्द ही उचित सड़क और बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हों।

आपका साथ देने के लिए धन्यवाद,

टीम PWC News

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