देवप्रयाग में भारी भूस्खलन, नृसिंहगाचल पर्वत का एक हिस्सा दरका, मकान पर गिरे भारी बोल्डर और मलबा, दो घायल, कई वाहन दबे
LANDSLIDE IN DEVPRAYAG: उत्तराखंड में इन दिनों मानसून की बारिश लगातार जारी है। भारी बारिश और भूस्खलन से राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में जगह जगह मोटर मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं। वहीं पहाड़ दरकने से लोगों की जान पर खतरा भी मंडरा रहा है। ताजा मामला देवप्रयाग क्षेत्र का है। संगम नगरी देवप्रयाग में सोमवार […] The post देवप्रयाग में भारी भूस्खलन, नृसिंहगाचल पर्वत का एक हिस्सा दरका, मकान पर गिरे भारी बोल्डर और मलबा, दो घायल, कई वाहन दबे appeared first on Devbhoomisamvad.com.

देवप्रयाग में भारी भूस्खलन: नृसिंहगाचल पर्वत का एक हिस्सा दरका
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सरल और स्पष्ट भाषा में, देवप्रयाग क्षेत्र से आ रही एक भयावह खबर से हर कोई सहमत होगा। उत्तराखंड में इन दिनों बरसात का मौसम जारी है और यह मौसम लोगों के लिए गंभीर खतरे का सामना करवा रहा है। हाल ही में, संगम नगरी देवप्रयाग में एक भीषण भूस्खलन ने लोगों की जिंदगी को संकट में डाल दिया है। इस घटना में नृसिंहगाचल पर्वत का एक हिस्सा दरक गया, जिससे भारी बोल्डर और मलबा सड़क पर आ गए। इसके परिणामस्वरूप दो लोग घायल हो गए और कई वाहन दब गए।
भूस्खलन की घटना का विवरण
सोमवार को हुई इस घटना में, लगातार बारिश के कारण पहाड़ी से मिट्टी और पत्थर के ढेर तेजी से नीचे की ओर आए। नृसिंहगाचल पर्वत के पत्थर के ढेर सड़क पर आ गिरने से बाह बाजार के क्षेत्र में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इस घटना के कारण घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता मुहैया कराने के लिए लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंची। यह जानकर दुख होता है कि दुर्घटना के दौरान दो मोटरसाइकिल और एक पिकअप वाहन भी बोल्डरों के नीचे दब गए हैं।
प्रभावित क्षेत्र में स्थिति
इस भूस्खलन ने केवल मानव जीवन को ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण बुनियादी ढांचे को भी प्रभावित किया है। कई बिजली के खम्बे टूटकर गिर गए हैं, जिससे क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है। पौड़ी गढ़वाल के एसडीएम दीपक रामचंद्र सेठ ने इस घटना की जानकारी देते हुए कहा कि राजस्व की टीम को अविलंब मौके पर भेजा गया है। इसके साथ ही, जनहानि का आकलन करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
भविष्य की चुनौतियां
यह भूस्खलन केवल एक घटना नहीं, बल्कि उत्तराखंड में मानसून के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बढ़ते खतरे का एक उदाहरण है। बारिश और भूस्खलन के कारण स्थानीय निवासियों की सुरक्षा, विशेषकर गांवों में एक चुनौती बनी हुई है। बारिश के मौसम में पूर्वानुमान के अनुसार इस तरह के और भी भूस्खलन हो सकते हैं, जिससे लोगों के लिए बड़ा जोखिम बनता जा रहा है।
निष्कर्ष
देवप्रयाग में हुए हालिया भूस्खलन ने एक बार फिर इस बात की पुष्टि की है कि मौसम के परिवर्तन और जलवायु की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हमें साकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय लागू करें और लोगों को जागरूक करें।
हमें उम्मीद है कि घायल व्यक्तियों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होगा और प्रशासन राहत कार्यों को प्रभावी रूप से संपन्न करेगा। विश्वस्तरीय घटनाओं की जानकारी और अपडेट के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
यह लेख "टीम pwcnews" द्वारा लिखा गया है।
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