महाकुंभ में शुक्रवार को कितने लोगों ने किया अमृत स्नान, प्रशासन ने जारी किए आंकड़े
Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में शुक्रवार को 29 लाख से ज्यादा लोगों ने स्नान किया। इसके साथ ही सात करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं।
अमृत स्नान का महत्व
महाकुंभ में अमृत स्नान का बड़ा महत्व है क्योंकि इसे पवित्रता और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम पर स्नान कर अपने पापों का नाश मानते हैं। स्नान करने के बाद भक्तजन पूजा-अर्चना में भी भाग लेते हैं, जो सम्पूर्ण धार्मिक प्रक्रिया का एक अभिन्न हिस्सा है।
शुक्रवार को किए गए स्नान के आंकड़े
अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को महाकुंभ में लगभग 30 लाख श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया। इन आंकड़ों ने पिछले वर्षों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। यह विशेष रूप से दर्शाता है कि इस समय महाकुंभ के प्रति श्रद्धालुओं की संख्या में कितनी वृद्धि हुई है। प्रशासन ने इस स्नान समारोह को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया।
प्रशासन की तैयारियां
इस महाकुंभ के आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने विस्तृत योजनाएं बनाई थीं। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर पवित्र नदी तक के जल की शुद्धता तक, सभी पहलुओं का विशेष ध्यान रखा गया। प्रशासन ने कहा कि जो भी श्रद्धालु स्नान करने आए, उन्हें सुरक्षित और आनंददायक अनुभव मिले।
समापन विचार
महाकुंभ में हर वर्ष लाखों भक्तों की भागीदारी यह दर्शाती है कि भारतीय संस्कृति और धार्मिकता आज भी जीवित है। प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अमृत स्नान न केवल धार्मिक त्योहार का हिस्सा है, बल्कि यह मानवता और एकता का भी प्रतीक है। Keywords: महाकुंभ 2023, अमृत स्नान आंकड़े, महाकुंभ जनसंख्या, श्रद्धालुओं की संख्या, पवित्र स्नान, प्रशासन रिपोर्ट, महाकुंभ सुरक्षा व्यवस्था, धार्मिक त्योहार भारत, भक्तों की संख्या, पवित्र नदी स्नान
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