रूस के साथ भारत ने निभाई शानदार दोस्ती, यूक्रेन युद्ध के बाद जब दुनिया हुई बागी तो किया ये कमाल

रूसी तेल पर कीमत में छूट (जो कभी-कभी अन्य तेलों के बाजार मूल्य से 18-20 डॉलर प्रति बैरल कम होती है) ने भारत को बहुत सस्ती दर पर तेल खरीदने का मौका दिया। हालांकि, हाल के दिन में छूट घटकर तीन डॉलर प्रति बैरल से भी कम रह गई है।

Feb 25, 2025 - 12:53
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रूस के साथ भारत ने निभाई शानदार दोस्ती, यूक्रेन युद्ध के बाद जब दुनिया हुई बागी तो किया ये कमाल

रूस के साथ भारत ने निभाई शानदार दोस्ती

News by PWCNews.com

यूक्रेन युद्ध के बाद की स्थिति

यूक्रेन में चल रहे युद्ध ने वैश्विक राजनीति को एक नई दिशा में मोड़ दिया है। इस संघर्ष ने न केवल प्रभावित देशों के बीच तनाव को बढ़ाया है, बल्कि विश्व के अन्य देशों को भी अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है। इस नई परिस्थिति में, भारत ने रूस के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारत-रूस संबंधों का महत्व

भारत और रूस के बीच की मित्रता सदियों पुरानी है। दोनों देशों के बीच सैन्य, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग ने एक मजबूत आधार तैयार किया है। वर्तमान में, यूक्रेन युद्ध के कारण जब पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया, तो भारत ने अपनी नीति में संतुलन बनाए रखा। भारत ने न सिर्फ रूस से आवश्यक वस्तुएं आयात कीं, बल्कि सैन्य सहयोग को भी जारी रखा।

दुनिया भर में बागी रुख

यूक्रेन युद्ध के बाद, ज्यादातर पश्चिमी देश रूस के खिलाफ बागी हो गए हैं। लेकिन भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेशी नीति पर जोर दिया है। इसके अंतर्गत, भारत ने रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखते हुए अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा किया। इसने भारत को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण वार्ताकार बना दिया है।

भविष्य की संभावनाएं

भारत-रूस संबंध भविष्य में और भी मजबूत होंगे। भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति और रक्षा क्षमताएं इसे वैश्विक शक्ति संतुलन में एक प्रमुख खिलाड़ी बना रही हैं। भारत के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि वह केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तत्पर है।

अंततः, भारत का यह कदम न केवल उसकी विदेश नीति की स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि दुनिया के अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे एक देश अपने मित्रता संबंधों को बनाए रख सकता है, भले ही वैश्विक परिस्थतियाँ कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों।

निष्कर्ष

भारत और रूस के बीच की मित्रता एक नई दिशा में जा रही है। इस संघर्ष के बीच, दोनों देशों के संबंध और भी मजबूत होते जा रहे हैं। भारत का यह कदम दर्शाता है कि वह एक सशक्त और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी भूमिका को कैसे निभा रहा है।

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