विदेशी व्हिस्की सस्ती होने से भारतीय शराब मैन्यूफैक्चरर्स को क्या होगा नुकसान? जानिए CIABC ने क्या कहा
अनंत एस अय्यर ने कहा कि सरकार को एफटीए के तहत सीमा शुल्क में कटौती और अन्य रियायतों से संबंधित मुद्दों पर निर्णय लेते समय भारतीय शराब विनिर्माताओं के हितों की रक्षा करनी होगी।
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विदेशी व्हिस्की सस्ती होने से भारतीय शराब मैन्यूफैक्चरर्स को क्या होगा नुकसान? जानिए CIABC ने क्या कहा
भारत में विदेश से आने वाली व्हिस्की की कीमतों में कमी आने के कारण स्थानीय शराब निर्माताओं को गंभीर नुकसान हो सकता है। यह स्थिति भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा को और बढ़ा देती है। इस संबंध में, भारतीय शराब ब्रांडों की शोध और जानकारी साझा करने वाली संस्था, CIABC (Confederation of Indian Alcoholic Beverage Companies) ने कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ की हैं।
CIABC की चिंता
CIABC ने निर्देशन किया है कि अगर विदेशी व्हिस्की की कीमतें घटती हैं, तो यह भारतीय व्हिस्की के मार्केट शेयर को नुकसान पहुंचा सकती है। भारतीय निर्माताओं को अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने और लागत को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना होगा।
स्थानीय उद्योग पर प्रभाव
भारतीय शराब मैन्यूफैक्चरर्स, जो पहले से ही अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं, अब सस्ती विदेशी व्हिस्की से और भी अधिक दबाव में आ जाएंगे। यह स्थिति न केवल निम्न स्तर की बिक्री में उतार-चढ़ाव पैदा कर सकती है, बल्कि इससे कई स्थानीय उत्पादकों की स्थिरता भी खतरे में पड़ सकती है। CIABC ने इस बात पर ध्यान दिया है कि भारतीय ब्रांडों के लिए निर्यात के रास्ते खुद को मजबूत करना आवश्यक हो रहा है।
उपाय और रणनीतियाँ
CIABC ने सुझाव दिया है कि भारतीय शराब कंपनियों को अपनी मार्केटिंग रणनीतियों को अपडेट करना चाहिए और ग्राहकों के अनुभव को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके अलावा, नीतिगत बदलावों की मांग भी की जा रही है, ताकि स्थानीय उत्पादकों को बेहतर स्थिति में रखा जा सके।
अंतिम विचार
विदेशी व्हिस्की की सस्ती कीमतें भारतीय शराब उद्योग के लिए एक चुनौती बन सकती हैं। हालांकि, इसे अवसर के रूप में भी देखा जा सकता है। यदि भारतीय निर्माता अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने और नवाचार की दिशा में काम करने में सफल रहते हैं, तो वे इस प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकते हैं।
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