साइबर फ्रॉड के शिकार युवक को SBI चुकाएगा ₹94,000, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

युवक को जैसे ही फ्रॉड का पता चला, उसने सबसे पहले एसबीआई कस्टमर केयर में कॉल कर इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही, युवक ने अपने नजदीकी पुलिस थाने और साइबर क्राइम सेल में भी इसकी शिकायत दर्ज कराई। युवक को एसबीआई में शिकायत करने का कोई फायदा नहीं मिला, बल्कि बैंक के कर्मचारी पीड़ित को ही लापरवाह बताने लगे।

Jan 7, 2025 - 19:00
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साइबर फ्रॉड के शिकार युवक को SBI चुकाएगा ₹94,000, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
साइबर फ्रॉड के शिकार युवक को SBI चुकाएगा ₹94,000, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला News by PWCNews.com सारांश हाल ही में, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय लिया है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) एक युवक को ₹94,000 का मुआवजा देगा, जो साइबर फ्रॉड का शिकार हुआ था। यह फैसला ऐसे मामलों में एक महत्वपूर्ण मिसाल स्थापित करता है जहां ग्राहक की सुरक्षा और बैंक की जिम्मेदारी के बीच संवेदनशीलता को बढ़ावा दिया जा रहा है। सबसे बड़े बैंकों में से एक SBI, संभवतः अपने ग्राहकों को साइबर ठगों से सुरक्षित रखने के लिए और अधिक कठोर नियम और उपाय अपनाने के लिए प्रेरित होगा। यह फैसला न केवल प्रभावित युवक के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए भी एक चेतावनी पत्र के रूप में कार्य किया है। SBI का दायित्व जब युवक ने साइबर ठगों द्वारा धोखाधड़ी से राशि खो दी, तो उसने SBI से इसे वापस हासिल करने की अपील की। एसबीआई ने जवाब दिया कि ग्राहक को अपने खाते और निर्देशों की सुरक्षा पहले से सुनिश्चित करनी चाहिए। इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने SBI के इस तर्क को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि बैंक की यह जिम्मेदारी है कि वह ऐसे मामलों में अपने ग्राहकों की मदद करे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ग्राहकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। निर्णय में, अदालत ने कहा कि अगर बैंक सक्षम प्रौद्योगिकी और सुरक्षा उपायों का उपयोग नहीं करता है, तो यह वित्तीय संस्थानों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने ग्राहकों को होने वाले नुकसान का मुआवजा दें। कार्यकारी न्यायालय ने यह भी कहा कि ग्राहकों को साइबर ठगी के प्रति संवेदनशील बनाना आवश्यक है, लेकिन इससे बैंक की जिम्मेदारी समाप्त नहीं होती। आपका सुरक्षा सावधानी इस फैसले के बाद, सभी बैंक ग्राहकों को यह याद दिलाना चाहता है कि उन्हें अपने व्यक्तिगत और वित्तीय डेटा की सुरक्षा में विशेष ध्यान देना चाहिए। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत करें और सुरक्षा उपायों के पालन का सुनिश्चित करें। अंत में, यह फैसला दर्शाता है कि भारतीय न्याय प्रणाली कैसे ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करती है और बैंकों को जवाबदेह ठहराने के लिए कटिबद्ध है। keywords: SBI cyber fraud, supreme court decision 2023, cyber fraud compensation India, scam victim SBI, Supreme Court ruling on banking fraud, financial safety measures, banking responsibilities in cyber crime, consumer rights India, cyber security banking, RBI cyber fraud guidelines

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