किच्छा में बेखौफ अपराधियों ने खोली गोलीबारी, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

खबर संसार किच्छा -दिलीप अरोरा किच्छा मे तड़तड़ाई खुलेआम गोलियां -बेखौफ अपराधी. जी हा किच्छा मे अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है और कही न कही अपराधों पर अंकुश लगाने और अपराधियों मे ख़ौफ पैदा करने मे स्थानीय पुलिस प्रशासन पूर्णतः फेल नजर आ रहा है।जिसकी वजह की कभी विधान सभा के सुनहरी […] The post किच्छा मे तड़तड़ाई खुलेआम गोलियां -बेखौफ अपराधी appeared first on Khabar Sansar News.

Aug 18, 2025 - 18:53
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किच्छा में बेखौफ अपराधियों ने खोली गोलीबारी, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

किच्छा में बेखौफ अपराधियों ने खोली गोलीबारी, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

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By Aditi Sharma, Neha Gupta & Priya Verma, Team PWC News

कम शब्दों में कहें तो

किच्छा में हाल ही में हुई गोलीबारी ने स्थानीय पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटनाएं यह बताती हैं कि अपराधियों में कोई खौफ नहीं बचा है, और शहरवासियों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। इसके चलते स्थानीय प्रशासन की नाकामियों पर भी अंगुली उठाई जा रही है।

घटना का ब्यौरा

किच्छा के दरऊ ग्राम में गोलीबारी की यह घटना सुबह करीब 11 बजे हुई। इस दौरान दो पक्षों के बीच हुए संघर्ष में एक पक्ष के हथियारबंद अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। इस गोलीबारी में नव निर्वाचित ग्राम प्रधान गफ्फार खान के भतीजे आलिम की मौत हो गई, जो कि इस निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़ी राजनीतिक रंजिश का नतीजा बताई जा रही है।

राजनीतिक रंजिश का प्रभाव

पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने आरोप लगाया कि गफ्फार खान की 600 मतों से जीत ने उनके विरोधियों को असहज कर दिया था। इसी विरोध में गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया। शुक्ला का कहना है कि उन्होंने पहले ही पुलिस प्रशासन को इसकी चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी गुहार पर ध्यान नहीं दिया गया। यह स्थिति प्रशासन की बेपरवाही का एक उदाहरण है।

पुलिस की नाकामी

गफ्फार खान और पूर्व विधायक की ओर से पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने पहले की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण ऐसी घटनाएं घटी हैं। यह स्पष्ट है कि पुलिस की लापरवाहियों के चलते एक आपराधिक माहौल बना हुआ है और अपराधियों में भय का कोई अंश दिखाई नहीं दे रहा।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का खेल

राजेश शुक्ला ने किच्छा के विधायक तिलक राज बेहड़ और हाजी सरवर यार खान पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हमलावरों को उकसाया। हालांकि, बेहड़ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह एक पारिवारिक विवाद है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ऐसे में, नेता अपनी राजनीतिक स्वार्थों के लिए आम जनता की सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहे हैं।

निष्कर्ष

यह घटना बार-बार बताती है कि स्थानीय प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कर अपना कर्तव्य निभाना होगा। अपराधियों के कारनामों और आम जनता की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना अत्यंत आवश्यक है। किच्छा में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को अपनी नीतियों में स्पष्ट सुधार करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता, तो ना केवल अपराध ग्राफ में बढ़ोत्तरी होगी, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में रहेगी। एकबार फिर, इस घटना ने हम सभी को यह सोचने को विवश किया है कि सुरक्षा तंत्र कितनी मजबूत होनी चाहिए।

स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाते हुए, यह आवश्यक है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की वारदातों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

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