लोहाघाट: 10 जुलाई को विशाल मेला, युवा जुटे तैयारी में
लोहाघाट/चम्पावत। लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत दिगालीचौड़ क्षेत्र में मां अखिलतारिणी धाम में कल 10 जुलाई गुरु पूर्णिमा के अवसर पर

लोहाघाट: 10 जुलाई को विशाल मेला, युवा जुटे तैयारी में
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लोहाघाट/चम्पावत। लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत दिगालीचौड़ क्षेत्र में स्थित मां अखिलतारिणी धाम में कल 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन होने जा रहा है। मेले के आयोजन की तैयारियों के बारे में मंदिर समिति के अध्यक्ष दीपक जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार मेले में विशेष पूजा अर्चना के साथ-साथ कई सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित की जाएंगी। इस मेले में क्षेत्र के 18 गाँवों के लोग और प्रवासी श्रद्धालु शामिल होंगे, जो स्थानीय संस्कृति और परंपरा के संरक्षण में मदद करते हैं।
विशाल मेले की तैयारियों में जुटे युवा
10 जुलाई के इस मेले के आयोजन में युवा वर्ग विशेष योगदान दे रहा है। दीपक जोशी ने कहा कि युवा साथी मेले की जगह को सजाने और उसे सफल बनाने में जुटे हैं। युवा साथी मंच की सजावट, खाने की दुकानों और धार्मिक कार्यक्रमों की योजना बनाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। इस कड़ी में, स्थानीय समुदाय के लोगों की उत्साही प्रतिक्रिया भी देखने को मिल रही है, जिससे मेले की तैयारी और भी उत्साहवर्धक बन गई है।
स्वागत का विशेष इंतजाम
श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए मेले में विशेष इंतजाम किए गए हैं। जोशी ने आगे बताया कि इस बार सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्थानीय पुलिस और प्रशासन को फ्रेंडली तरीके से शामिल किया जा रहा है। साफ-सफाई और चिकित्सीय सहायता का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा, ताकि सभी श्रद्धालु मेले का आनंद लेते समय सुरक्षित महसूस करें।
स्थानीय खाद्य व सांस्कृतिक विशेषताएँ
यह मेला केवल धार्मिक भावनाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यहां स्थानीय खाद्य सामग्री भी लोगों को आकर्षित करेगी। श्रद्धालुओं को स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने का अवसर मिलेगा। साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों द्वारा नृत्य और संगीत का प्रदर्शन किया जाएगा, जो इस मेले की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करेगा।
निष्कर्ष
10 जुलाई का यह मेला केवल एक धार्मिक समारोह नहीं, बल्कि स्थानीय समुदाय की एकता और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है। मां अखिलतारिणी धाम में होने वाले इस मेले में शामिल होने से न केवल श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं जागृत होती हैं, बल्कि यह समुदाय की गहरी आस्था को भी प्रकट करता है। स्थानीय युवाओं की मेहनत और उत्साह से यह आयोजन और भी भव्य और यादगार बनेगा। हम सभी को उम्मीद है कि यह मेला एक सुखद अनुभव प्रस्तुत करेगा।
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