चम्पावत : जिलाधिकारी ने दिव्यांशु और गौतम को सिखाए ट्रिग्नोमेट्री के सिद्धांत और मानचित्र अध्ययन की बारीकियां
जिलाधिकारी मनीष कुमार ने जिला पुस्तकालय का किया निरीक्षण, छात्रों से की संवादात्मक चर्चा चम्पावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने गुरुवार

चम्पावत : जिलाधिकारी ने दिव्यांशु और गौतम को सिखाए ट्रिग्नोमेट्री के सिद्धांत और मानचित्र अध्ययन की बारीकियां
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चम्पावत में एक दिलचस्प और शैक्षिक घटना घटी, जब जिलाधिकारी मनीष कुमार ने छात्रों को ट्रिग्नोमेट्री के सिद्धांत और मानचित्र अध्ययन की तकनीकों के बारे में सिखाया। यह अवसर चम्पावत जिला पुस्तकालय में आयोजित हुआ, जहां छात्रों के साथ संवाद स्थापित करके उन्हें आवश्यक सलाह और मार्गदर्शन दिया गया।
शिक्षण का उद्देश्य
मनीष कुमार ने छात्रों को समझाया कि ट्रिग्नोमेट्री कैसे अपने दैनिक जीवन में उपयोगी हो सकती है। उन्होंने बताया कि यह न केवल गणितीय सिद्धांत है, बल्कि भौगोलिक जानकारी हासिल करने में भी सहायक होती है। साथ ही, मानचित्र अध्ययन न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भविष्य के करियर के लिए भी एक महत्वपूर्ण कौशल है।
छात्रों के साथ संवादात्मक चर्चा
जिलाधिकारी ने छात्रों के साथ विभिन्न विषयों पर खुला संवाद किया। उन्होंने छात्रों से उनकी समस्याओं और सुझावों के बारे में जानकारी ली और यह सुनिश्चित किया कि उनकी आवश्यकताओं को समझा जा सके। इस चर्चा के दौरान, लाइब्रेरियन शिवम ने भी पुस्तकालय से संबंधित कुछ मुद्दे उठाए, जिन्हें सुनकर मनीष कुमार ने तत्परता से समाधान प्रदान किया। इस संवादात्मक वातावरण ने छात्रों को उनकी जिज्ञासाओं को साझा करने का एक अनुकूल मंच दिया।
पुस्तकालय निरीक्षण
जिलाधिकारी ने गुरुवार रात्रि को जिला पुस्तकालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, उन्होंने देखा कि किस तरह से पुस्तकालय छात्रों के अध्ययन में मदद कर रहा है और कौन सी सुविधाओं को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। इस प्रकार का निरंतर निरीक्षण और फीडबैक प्रक्रिया छात्रों को एक बेहतर अध्ययन वातावरण प्रदान करने में मदद करती है।
भविष्य की योजनाएँ
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि आगे चलकर ऐसी और गतिविधियों को आयोजित किया जाएगा। उनका उद्देश्य है कि छात्रों को ऐसे अधिक व्यावहारिक और संवादात्मक पाठ प्रदान किए जाएं, जो उनके शिक्षा जीवन को सुधारने में सहायक हों। यह निश्चित रूप से छात्रों के लिए एक सकारात्मक पहल है, जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।
इस तरह की घटनाएँ न केवल छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक होती हैं, बल्कि उन्हें उनके भविष्य के विकल्पों के प्रति जागरूक भी करती हैं।
अंत में, मनीष कुमार के इस प्रयास की सराहना की जानी चाहिए, क्योंकि यह न केवल शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि सामुदायिक जुड़ाव को भी बढ़ावा देता है।
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